बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचन्द्रपुर विकासखंड मेंपंडो जनजाति के 20 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचन्द्रपुर विकासखंड में विभिन्न बीमारियों से पीड़ित होने के कारण पिछले छह महीनों में पंडो जनजाति के 20 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इनमें से 60 वर्ष से 80 वर्ष की आयु के छह बुजुर्गों की मृत्यु लकवा एवं अन्य बीमारियों से लंबे समय तक पीड़ित रहने के कारण हुई है। लिवर संबंधी बीमारियों के कारण चार, हृदयाघात से तीन और निमोनिया ग्रस्त दो लोगों की मृत्यु हुई है। इस दौरान कोरोना संक्रमित एक और अत्यधिक शराब सेवन के कारण झटका आने से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि अधिकांश मृतकों को स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला चिकित्सालय एवं अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार उपलब्ध कराया गया था। इनमें से कुछ मरीजों की उपचार के दौरान अस्पताल में मृत्यु हुई है। भारत में मृत्यु की औसत दर 8.6 प्रति हजार है। क्षेत्र में हुई इन मृत्यु की दर लगभग राष्ट्रीय औसत सीमा के भीतर है। आंकलन करने पर यह पाया गया कि इन जनजातियों में खान-पान में लापरवाही, अत्यधिक शराब सेवन तथा चिकित्सकीय सलाह न मानकर नीम-हकीम एवं झाड़-फूंक पर विश्वास की प्रवृत्ति देखी गई है। ये भी मृत्यु के संभावित कारण हो सकते हैं।

 पिछले दो वर्षों में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि हुई है। इसके तहत 24 उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं चार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में उन्नयन किया गया है। प्रत्येक उप स्वास्थ्य केन्द्र में दो-दो स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पदस्थ किया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य सहायक/आयुष चिकित्सक भी पदस्थ हैं। क्षेत्र में दो 108-एम्बुलेंस एवं तीन अन्य एम्बुलेंस उपलब्ध हैं जो निरंतर सेवा प्रदान कर रही है। सभी गांवों में स्वास्थ्य शिविर एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लिए विशेष कार्ड बनाने की पहल की गई है, जिसमें उनके स्वास्थ्य जांच संबंधी जानकारियां संधारित की जाएगी। कार्ड से उनके इलाज व दी गयी दवाईयों के बारे में पता चल सकेगा। इसके साथ ही जिले के सभी पण्डो और पहाड़ी कोरवा बहुल बसाहटों में विशेष स्वास्थ्य व जनजागरूकता शिविर का आयोजन भी किया जा रहा है। घर-घर जाकर लोगों की जांच कर उनकी शारीरिक समस्याओं के अनुसार निःशुल्क दवाईयां भी दे रहे हैं। प्रशासन व स्वास्थ्य अमले ने व्यवहार परिवर्तन व स्वच्छता को भी प्रमुखता के साथ अपने अभियान में शामिल किया है।

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