शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड स्थित सुपार्श्वनाथ पार्क में वर्षायोग प्रवचन…. हम कामना सुख की करते लेकिन हमारे कार्य होते दुःख बढ़ाने वाले…. मुक्ति का लक्ष्य पाना है तो जीवन में कम करे मन, वचन व काय का परिस्पंदन- आचार्य सुंदरसागर महाराज

शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड स्थित सुपार्श्वनाथ पार्क में वर्षायोग प्रवचन…. हम कामना सुख की करते लेकिन हमारे कार्य होते दुःख बढ़ाने वाले…. मुक्ति का लक्ष्य पाना है तो जीवन में कम करे मन, वचन व काय का परिस्पंदन- आचार्य सुंदरसागर महाराज

भीलवाड़ा(अमर छत्तीसगढ) ,31 जुलाई। इस जगत में हर भव्यात्मा में स्वयं के अंदर की भगवत्ता को प्रकट करने की क्षमता है। इसके लिए आपको अपने चरित्र एवं श्रद्धाबल को उंचा उठाते रहना होगा एवं मोह कम करते जाना होगा। हम जब तक मोहपाश में बंधे रहेंगे स्वयं को नहीं पहचान पाएंगे ओर अपना कल्याण नहीं कर पाएंगे। जब हम अपने अंदर के देवत्व को जान लेंगे तब हम स्वयं को पहचान पाएंगे ओर अपने श्रेष्ठ कर्मो के द्वारा गुणस्थान में अभिवृद्धि कर पाएंगे।

ये विचार शहर के शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड स्थित सुपार्श्वनाथ पार्क में श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के तत्वावधान में चातुर्मासिक(वर्षायोग) प्रवचन के तहत बुधवार को राष्ट्रीय संत दिगम्बर जैन आचार्य पूज्य सुंदरसागर महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जीवन में मुक्ति का लक्ष्य प्राप्त करना है तो मन,वचन व काय के परिस्पदंन को कम करना होगा। आपके जीवन में जितनी विशुद्धि बढ़ती जाएगी उतना ही आपका गुणस्थान बढ़ता जाएगा। निरन्तर ऐसी ही साधना करते रहने पर एक दिन यह भगवत्ता प्रकट करने के साथ मोक्ष मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

आचार्यश्री ने कहा कि बिना तप,त्याग,साधना के हम आत्मकल्याण का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते। जो तप,त्याग में स्वयं को समर्पित कर देता है उसका जीवन सुंदर व अनुकरणीय बन जाता है। इससे पूर्व धर्मसभा में आर्यिका माताजी ने प्रवचन देते हुए हम सुख की कामना करते है लेकिन कार्य ऐसे करते है जो दुःख को बढ़ाते है। सुख चाहिए तो दुःख के कर्म त्यागने हांेंगे।

हम जीवन में दुख ओर सुख के कर्म को समझना होगा। हम उन निमितों व हेतुओं से दूर रहना होगा जो दुःख की तरफ ले जाते है। इच्छाओं पर नियंत्रण करने के साथ रसेन्द्रिय पर भी काबू रखेंगे तो जीवन में चिंतन का स्तर उच्च होगा ओर सुख की अनुभूति कर पाएंगे। संसार में शरण लेनी है तो देव,शास्त्र व गुरू की ले जो सच्चे शरणदाता है उसके अलावा हमे कोई शरण नहीं दे सकता।

सभा में संतोषकुमार नीरज बड़जात्या, सोहनलाल मयंक गंगवाल, महावीरकुमार संदीप बाकलीवाल एवं नवीन्द्र पाटनी(अजमेर वाले) का चातुर्मास में मंगलकलश पुण्यार्जक बनने पर समाज द्वारा स्वागत अभिनंदन करते हुए इस पुनीत कार्य के लिए हार्दिक अनुमोदना की गई। श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि धर्मसभा के प्रारंभ में बाहर से पधारे भक्तगणों द्वारा दीप प्रज्वल करने के बाद पूज्य आचार्य गुरूवर का पाद प्रक्षालन कर उन्हें शास्त्र भेंट किए गए।

धर्मसभा का संचालन पदमचंद काला ने किया। समिति के मीडिया प्रभारी भागचंद पाटनी ने बताया कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों से प्रवचन लाभ पाने के लिए श्रावक-श्राविकाएं सुपार्श्वनाथ पार्क पहुंच रहे है। वर्षायोग के नियमित कार्यक्रम श्रृंखला के तहत प्रतिदिन सुबह 6.30 बजे भगवान का अभिषेक शांतिधारा, सुबह 8.15 बजे दैनिक प्रवचन, सुबह 10 बजे आहार चर्या, दोपहर 3 बजे शास्त्र स्वाध्याय चर्चा, शाम 6.30 बजे शंका समाधान सत्र के बाद गुरू भक्ति एवं आरती का आयोजन हो रहा है।

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