केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आज बेंगलुरु में संवाद कार्यक्रम के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। श्रीमती ईरानी ने संवाद- कमजोर परिस्थितियों में बच्चों के लिए समर्थन, सहायता और मानसिक स्वास्थ्य उपायों और संकट कार्यक्रम के एक वर्ष के सफल समापन की सराहना की। संवाद एक राष्ट्रीय पहल और एकीकृत संसाधन है जो बाल संरक्षण, मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक देखभाल के लिए कार्य करता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने बाल संरक्षण कार्यकर्ताओं, टेली-परामर्शदाताओं, शिक्षकों, कानून पेशेवरों सहित लगभग 1 लाख हितधारकों को प्रशिक्षित करके संकट में फंसे बच्चों के लिए मुकाबला तंत्र प्रदान करने के लिए संवाद के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “स्वतंत्र भारत में पहली बार, संवाद पंचायतों के पदाधिकारियों के साथ जुड़ेगा, जिससे कमजोर बच्चों के बीच मनोसामाजिक चुनौतियों का समाधान करने में एक मौन क्रांति की शुरुआत होगी।” संवाद पंचायती राज प्रणाली के साथ बाल संरक्षण और मानसिक स्वास्थ्य को एकीकृत करने और जागरूकता पैदा करने तथा जमीनी स्तर पर सेवा वितरण में सुधार के लिए देश भर के आकांक्षी जिलों में काम शुरू करने के लिए तैयार है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव, डॉ. इंदेवर पाण्डेय ने अपने उद्घाटन भाषण के दौरान नीतिगत स्तर पर बाल संरक्षण और मानसिक स्वास्थ्य के एकीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला। कठिन परिस्थितियों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक देखभाल के संबंध में संवाद की नई पहल में बचपन की कठिनाइयों पर एक विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, कानून के उल्लंघन में बच्चों के लिए हस्तक्षेप, बच्चे और किशोर मनोचिकित्सा में फोरेंसिक और मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य सहायता, गोद लेने और पालन-पोषण के संदर्भ में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सुरक्षा और देखभाल तथा पंचायती राज व्यवस्था में बाल संरक्षण और मानसिक स्वास्थ्य का एकीकरण शामिल है।