नव निर्मित महाविदेह आराधना केन्द्र का राष्ट्र संत द्वारा मंत्रोच्चार व मांगलिक के द्वारा उद्घाटन
सकारात्मक सोच से ही जीवन मे सफलता मिल सकेगी-जीवन जीने की कला पर सारगर्भित उदबोधन
रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) आज प्रातः से ही भैरव सोसाइटी के जैन परिवारों में अपूर्व उत्साह का संचार हो चुका था प्रातः 8 बजे से ही सैकड़ों नर नारी राष्ट्र संत की आगवानी में पहुँच चुके थे -ठीक 8-30 बजे दादाबाड़ी से पैदल विहार कर राष्ट्रसंत श्री ललितप्रभ सागर जी श्रावक श्राविकाओं के साथ सुधर्म जैन विहार पहुचे वही से बाजे गाजे के साथ शोभा यात्रा प्रारम्भ हुई सबसे आगे मंगल कलश लिए महिला मंडल की सदस्या चल रही थी उनके आगे लोक नृत्य कलाकार अपने नृत्य व गायन से अद्भुत पवित्र वातावरण का निर्णाण कर रहे थे जगह जगह जैन परम्परा के अनुसार गवली कर के बधाते हुए मुख्य प्रवेश द्वार पर प पूज्य शौम्यरत्न श्री जी जो चातुर्मास में यहाँ विराजित है के द्वारा अपने साधु मंडल के साथ उनकी आगवानी की फिर साथ मे ही सभी संत श्री सीमंधर ज़वामी जैन मंदिर व चमत्कारी जैन दादाबाड़ी में दर्शनार्थ पहुचे -उपरोक्त जानकारी ट्रस्ट के महासचिव महेन्द्र कोचर ने देते हुए बताया कि मंदिर प्रवेश में ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद व ट्रस्टी गण जय कुमार बैद नीलेश गोलछा टीकमचंद पारख राजेश सिंघी किशोर झाबक व अन्य प्रमुख श्रावको ने उन्हें मोतियों से बधाते हुए मंदिर प्रवेश कराया यहाँ पर महाविदेह में विराजित प्रभु सीमंधर स्वामी जा दर्शन चैत्यवन्दन करते हुए दादाबाड़ी में चारो दादा गुरुदेव का गुरु वंदन कर नव निर्मित जैन मंगल भवन महाविदेह आराधना केंद्र का उदघाटन राष्ट्र संत के कर कमलों द्वारा पवित्र मंत्रो के द्वारा राष्ट्र संत से इसे जैन समाज को समर्पित किया ।
ततपश्चात विशाल पंडाल में राष्ट्र संत विराजित हुए व प्रवचन जा आगाज दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ जिसमे ट्रस्ट के सभी ट्रस्टी व आराधना केंद्र निर्माण के लाभार्थी शामिल हुए-लाभार्थियों का बहुमान-राष्ट्र संत के सानिध्य में महाविदेह आराधना केंद्र के निर्माण के मुख्य लाभार्थी -श्री वर्तिका वर्धमान वैभव चोपड़ा परिवार व सह – लाभार्थी परिवार – जितेंद्र नीरज जी नाहर, राजमल भारत संखलेचा ,गुरुभक्त परिवार , जयचंद रमेश चंद बच्छावत परिवार का स्मृति चिन्ह शाल श्रीफल के द्वारा श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा बहुमान किया गया -स्वागत उदबोधन अध्यक्ष श्री संतोष बैद द्वारा दिया गया-पश्चात प पूज्य राष्ट्र संत ललितप्रभ सागर जी का जीवन जीने की कला पर प्रवचन प्रारम्भ हुआ।
उन्होंने जीवन को सफल बनाने सदैव सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने का उपदेश देते हुए कहा कि किसी भी कार्य कि असफलता से निराश नही होना चाहिए निरन्तर प्रयाश से सफलता अवश्य मिलती हैं आज पुस्तक वितरण के लाभार्थी परिवार पदमचंद कमल कुमार अनिल कुमार गोलछा परिवार थे कार्यक्रम की समाप्ति राष्ट्र संत की मांगलिक के साथ हुई कल का प्रवचन भी प्रातः 9 बजे से प्रारम्भ होगा ।
आज सभा में संतोष बैद , महेन्द्र कोचर , टीकम गोलेच्छा , किशोर झाबक , राजेश सिंघी , नीलेश गोलेच्छा , ललित लुनिया, पदम गोलछा ,निलमचंद बरडिया डॉ योगेश बंगानी ,धीरेंद्र सेठ दिलीप पारख श्रीमती मंजू कोठारी ,ममता नाहर , ममता सुराना , सुपारस गोलछा , पी आर गोलछा , सुरेश कांकरिया, संपत झाबक , श्यामसुंदर बैद मुथा उपस्थित रहे ।