रायपुर (अमर छत्तीसगढ)
– दुनियाभर के आदिवासियों की नृत्य शैली, वाद्ययंत्र में समानता है।
– आदिम नृत्य की यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आई है, इस तरह से हम आज यहां पहुंचे हैं।
– समय के बदलाव के साथ जीवन के तौर तरीके में बदलाव आया है।
– इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों की परंपरा को बचाए रखने और पूरी दुनिया की आदिम संस्कृति आगे बढ़ाने और उनका संवर्धन करने से है।
– प्रकृति पर पूरी मनुष्यता का एक जैसा अधिकार हो, सभी प्रकृति का संरक्षण करें।
– विकास की गलत अवधारणा के कारण आज प्रकृति ही खतरे में पड़ गयी है।
– छत्तीसगढ़ आदिवासियों और किसानों का प्रदेश है। राज्य के आंदोलन में जिन मूल्यों को लेकर आंदोलन हुआ, हमारी सरकार उस सोच को लेकर आगे बढ़ रही है।
– आदिवासी नृत्य महोत्सव में वास्तविक प्रतियोगिता का हो रहा पहला प्रदर्शन, तमिलनाडु का थोडा नृत्य।
– जूरी के सदस्य वेशभूषा, लय ताल से लेकर भाव भंगिमा और पारम्परिक वाद्य यंत्रो के उपयोग तक को परख रहे हैं।
*जम्मू-कश्मीर के धमाली नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति*
आध्यात्मिक रंग लिए यह नृत्य अद्वैत शिव की आराधना से सम्बंधित है। इस नृत्य के माध्यम से सर्वशक्तिमान ईश्वर के प्रति आस्था प्रकट कर उनकी आराधना की जाती है। हाथ मे आलम धागा बाँध कर नृत्य के मध्यम से ईश्वर से सुखद जीवन कामना की जाती है।
– अचीवमेंट इन हंटिंग, हाइटाइट स्ट्रेंथ, इंट्यूशंस ऑफ एनिमल्स एंड लाइफस्टाइल। मंगोलिया के नर्तक दल ने इन विषयों पर केंद्रित प्रस्तुतियों से बांधा समा।
– अभी की जो प्रस्तुति हो रही है वो, स्पेशल टाइप ऑफ डांस फॉर्म जिसे वेस्टर्न मंगोलिया में किया जाता है, इसमें कुकिंग , हंटिंग को दिखाया जा रहा है।
आज के स्वागत कार्यक्रम में अंतिम प्रस्तुति मंगोलिया का नर्तक दल फ्युजन डांस फॉर्म प्रस्तुत कर रहा है, जिसमें वहां की संस्कृति, रीति रिवाज, परंपरा,प्राकृतिक सुंदरता प्रदर्शित होती है।
मोजांबिक एवं रसिया के नर्तक दल ने फसल कटाई के दौरान किये जाने वाले डांस परफॉर्मेंस की मनमोहक प्रस्तुति दी। इस दौरान करतब भरे प्रदर्शन ने जनता का मन मोह लिया।
– उत्तर प्रदेश का नर्तक दल सुन्दर वेश भूषा पहने अपनी जनजातीय शैली का प्रदर्शन करते हुए।
– उत्तराखंड के कलाकार अपना नृत्य कौशल की झलक दिखाते हुए।
– सिर पर कलश लिए अद्भुत संतुलन के साथ पश्चिम बंगाल की टीम।
– पड़ोसी राज्य ओडिशा के नृत्य दल ने बिखेरी अपनी जनजातीय नृत्य कला की छटा।
– झारखंड का नर्तक दल अपने पारंपरिक वाद्य यंत्र की धुन पर थिरकते हुए।
– महाराष्ट्र का सुंदर नृत्य दल झांकी के साथ रैंप पर छटा बिखेरते हुए।
– सिक्किम के वनांचल से आए नर्तक दल अपनी जनजातीय नृत्य शैली की झलक प्रस्तुत करते हुए।
– त्रिपुरा का नर्तक दल सुन्दर प्रस्तुति देते हुए, अपने सिर पर चिमनी रख कर नृत्य करते हुए।
– राज्योत्सव में देश-विदेश के 15 सौ कलाकार हो रहे शामिल।
– मणिपुर के कलाकार एवं मिज़ोरम के कलाकार दे रहे प्रस्तुति।
– नागालैंड की टीम पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुति देते हुए।