छत्तीसगढ़ प्रवर्तक रतन मुनि, साध्वी सन्मति के सानिध्य में छत्तीसगढ़ स्तरीय महिला अधिवेशन शुरु

छत्तीसगढ़ प्रवर्तक रतन मुनि, साध्वी सन्मति के सानिध्य में छत्तीसगढ़ स्तरीय महिला अधिवेशन शुरु

बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ) गुरुदेव श्री रतन मुनि जी महाराज के मंगल पाठ के साथ जय आनंद मधुकर रतन भवन के प्रांगण में छत्तीसगढ़ महिला अधिवेशन संकल्प से सिद्धि की ओर का युवाचार्य भगवंत श्री महेंद्र ऋषि छत्तीसगढ़ प्रवर्तक श्री रतन मुनि साध्वी सन्मति जी के सानिध्य में छत्तीसगढ़ स्तरीय महिला अधिवेशन का आगाज हुआ ।


इस आयोजन में छत्तीसगढ़ क्षेत्र के विभिन्न शहरों एवं अनेक ग्रामीण अंचलों से श्रमण संघ परिवार के सदस्य महिला सदस्य इस आयोजन में हिस्सा लिया जिसमें दुर्ग भिलाई रायपुर राजनांदगांव धमतरी साजा बीजा लोहारा सहित अनेक क्षेत्रों से श्रमण संघ परिवार की महिला सदस्यों ने हिस्सा लिया

प्रथम सत्र में प्रवचन सभा आयोजित की गई थी प्रातः 8:30 से प्रारंभ हो इस अधिवेशन युवाचार्य भगवंत महेंद्र ऋषि जी हितेंद्र ऋषि जी साध्वी सन्मति जी सहित अन्य साध्वी इस आयोजन में ज्ञान ध्यान सिखाया

यूवाचार्य भगवंत ने अपने उद्बोधन में श्रमण संघ के के उत्थान के लिए बहुत सी सारगर्भित जानकारी दी उन्होंने कहा संघ की महिला सदस्यों को सप्ताह में एक बार मिलना चाहिए अपने अपने क्षेत्र में एक साथ मिलकर संघ की एकता संघ की प्रगति के लिए मिल बैठकर चर्चा करनी चाहिए सामायिक के साथ शुरुआत होनी चाहिए अपने-अपने क्षेत्रों में अपने बच्चों के लिए पाठशाला का संचालन किया जाना चाहिए जिससे बच्चे संस्कारवान बने और उसमें श्रमण संघ के पाठ्यक्रम बच्चों को सिखाया जाना चाहिए इस कार्य हेतु हमारी जेसी भी उपयोगिता आप लेना चाहते हैं हम उसके लिए हर समय सहर्ष तैयार हैं

साध्वी सन्मति जी ने महिला अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहां महिला समाज की रीड की हड्डी है इसके बिना स्वस्थ समाज की कल्पना नहीं की जा सकती
महिला का प्रथम अक्षर म है यह म ममता का सदैव बोध कराता है और यह नारी का मूल गुण है
दूसरा अक्षर हि जो हमेशा हर मार्ग पर संघ समाज को हिम्मत दिलाता है जिससे संघ और समाज मजबूती से खड़े रहते हैं तीसरा अक्षर ला जो नारी के अंदर लज्जा के भाव हमेशा जागृत रहते हैं जिससे परस्पर मैत्री के गुणों का निर्माण होता है जो संघ के निर्माण में अति आवश्यक होती है

द्वितीय सत्र को संबोधित करते हुए हितेंद्र ऋषि जी महाराज ने कहां गुरु धारणा श्रावक के लिए अत्यंत आवश्यक कार्य है हर श्रावक श्राविका को अपने जीवन में गुरु बनाना चाहिए उन्होंने कहा जहां गुरु नहीं वहां जीवन शुरू नहीं
वर्ष में कम से कम एक बार गुरु का दर्शन करना ही चाहिए जिससे गुरु और शिष्य के बीच सामंजस हमेशा बना रहता है गुरु के दर्शन वंदन से अपने अंदर एक नई ऊर्जा का एक नई शक्ति का संचार होता है जो अपने व्यक्तित्व विकास के लिए समाज के में उत्कृष्ट योगदान के लिए अत्यंत आवश्यक कार्य है

श्रमण संघ महिला मंडल की अध्यक्ष सरिता श्री श्रीमाल ने आए अतिथियों का स्वागत किया एवं मंत्री सपना संचेती ने छत्तीसगढ़ के सभी श्रमण संघ परिवार से इस आयोजन में उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया किया है

महिला अधिवेशन को सफल बनाने में लेखा संचेती युक्ति बोहरा रुचिता बाघमार भारती श्रीश्रीमाल राजकुमारी संचेती आशा संचेती संजना रतन बोहरा नेहा संचेती मेघा छाजेड़ श्वेता बोहरा नेहा रतन बोहरा

दीक्षार्थी क्षायिक जैन का भव्य वरघोड़ा

दीक्षार्थी क्षायिक जैन का भव्य वरघोड़ा 6 नवंबर को प्रातः 8:30 बजे ओसवाल भवन जवाहर चौक दुर्ग से प्रारंभ होगा जो जवाहर चौक गांधी चौक शनिचरी बाजार होते हुए बांधा तालाब पहुंचा पहुंचेगा आनंद समवशरण के प्रांगण में दीक्षार्थी क्षायिक जैन का अभिनंदन किया जाएगा जिसमें श्रमण संघ परिवार के अलावा ओसवाल जैन पंचायत समता संघ सुधर्म संघ मूर्तिपूजक संघ तेरापंथ संघ शांत क्रांत संघ के सदस्य वरधोडा एवं अभिनंदन समारोह में शामिल होंगे

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