दुर्ग संघ का समर्पण भक्ति भाव सहानुभूति की भाव ने हमारे दुर्ग आने का भाव जागृत किया – युवाचार्य भगवंत

दुर्ग संघ का समर्पण भक्ति भाव सहानुभूति की भाव ने हमारे दुर्ग आने का भाव जागृत किया – युवाचार्य भगवंत

दुर्ग(अमर छत्तीसगढ़) चातुर्मास केअंतिम दिवस पर युवाचार्य भगवंत ने हमने दुर्ग चातुर्मास क्यों किया विषय पर अपना उद्बोधन रखा, बीते 10 वर्ष की श्रमण संध परिवार दुर्ग की विनती को ध्यान में रखते हुए पुणे चिंचवड़ में हमने दुर्ग चातुर्मास की विधिवत घोषणा की इन 10 वर्षों में संघ का समर्पण भक्ति भाव सहानुभूति की भाव ने हमारे दुर्ग आने का भाव जागृत किया ।
जो बातें हम श्रमण संघ दुर्ग के बारे में सुन रहे थे उससे भी कहीं अधिक यहां के लोगों का पुरुषार्थ संघ समर्पण गुरु भगवंत ओं के प्रति आस्था हमें देखने को मिली इन 4 माह में धर्म ध्यान त्याग तपस्या में अग्रणी होकर संघ के सभी वर्ग के लोगों ने इस चातुर्मास में अपना उत्कृष्ट समर्पण दिया ।
आज श्रमण संघ दुर्ग के द्वारा आनंद समवशरण में आध्यात्मिक आनंद वर्षावास में संघ कार्यों में के सेवा कार्यों में उत्कृष्ट सहयोग देने वाले सदस्यों का युवाचार्य भगवंत श्री महेंद्र ऋषि जी एवं छत्तीसगढ़ प्रवर्तक गुरुदेव रतन मुनि जी साध्वी सन्मति जी की प्रत्यक्ष उपस्थिति में अभिनंदन किया गया ।
सेवाभावी डॉक्टर जो हर समय गुरु भगवंतो की सेवा में हमेशा तत्पर रहते थे उन डॉक्टरों का अभिनंदन भी आनंद समवशरण के प्रांगण में किया गया जिनमें डॉ संजय गोलछा, डॉ श्रेणिक नाहटा, डॉ प्रफुल्ल जैन, डॉ चंदर बाफना, डॉ स्वाति पारख प्रमुख थे ।

इसके अलावा बच्चों को धार्मिक ज्ञान संस्कार देने वाली शिक्षिकाओं का भी आनंद समवशरण में सम्मान किया गया आवास व्यवस्था भोजन व्यवस्था साधु संतों की गोचरी में सहयोग करने वाले सभी सेवाभावी सदस्यों का वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक श्रमण संघ ने अभिनंदन किया ।

कल गुरुदेव का मंगल विहार

कल प्रातः जय आनंद मधुकर रतन भवन दुर्ग में नवकार महामंत्र की आराधना के पश्चात प्रातः 7:00 चातुर्मास संपन्न कर पहला विहार स्टेशन रोड ग्रीन चौक डालचंद भाई सुराणा के निवास में होगा विहार यात्रा में भाग लेने वाले सभी की अतिथि सत्कार की व्यवस्था सुराणा परिवार की ओर से रहेगी गुरु भगवंत 2 दिन यही विराजित रहेंगे ।

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