मुख्यमंत्री श्री बघेल: स्वामी आत्मानंद में निशुल्क पढ़ाई से पैसे बच रहे हैं तो परिवार वाले होंगे ही खुश
गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चों को निशुल्क अंग्रेजी शिक्षा ही स्वामी आत्मानंद स्कूल का उद्देश्य
सिवनी में भेंट मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चों के बीच रोचक वार्तालाप
जांजगीर चांपा(अमर छत्तीसगढ़)11 नवंबर 2022/ ‘सर अवर पेरेंट्स आर वेरी हैप्पी बिकॉज आफ यू, दी प्लान ऑफ स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल इज हाइली अप्रिशिएटिड‘ दरअसल यह वार्तालाप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वामी आत्मानंद स्कूल में पढ़ रहे कक्षा ग्यारहवीं के छात्र साहिल साहू और छात्रा माही पांडे के बीच का है। बच्चों की फर्राटेदार अंग्रेजी सुनकर मुख्यमंत्री श्री बघेल भी गदगद हो गए।
जिला जांजगीर चांपा के ग्राम पंचायत सिवनी में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आत्मानंद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने मुख्यमंत्री से अंग्रेजी में बात की। बच्चों ने बताया कि स्वामी आत्मानंद स्कूल के माध्यम से मिल रहे निशुल्क अंग्रेजी शिक्षा से उनके परिवार वाले बेहद खुश है। इस पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल में निशुल्क पढ़ाई से पैसों की बचत हो रही है और बच्चो को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल रही है, तो परिवार वाले खुश होंगे ही। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना का ही उद्देश्य गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चों को निशुल्क अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दिलाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले निजी स्कूलों में भारी-भरकम फीस चुकानी पड़ती थी। राज्य शासन द्वारा संचालित आत्मानंद स्कूल से गरीब लोगों को फीस चुकाने की चिंता से मुक्ति मिल गई है। साथ ही बच्चों को मुफ्त में अंग्रेजी में शिक्षा भी मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से पूछा कि पहले निजी स्कूलों में कितना फीस चुकाते थे। इस पर साहिल साहू ने बताया कि निजी स्कूल में पढ़ाई के दौरान प्रति 3 महीने में 15 हजार रुपए फीस चुकाने पड़ते थे। माही पांडे ने कहा कि उन्हें 20 हजार रुपए सालाना स्कूल फीस के रूप में देना पड़ता था। इससे घरवालों को आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ता था। अब स्वामी आत्मानंद स्कूल में पढ़ने से फीस चुकाना नहीं पड़ता है। जिससे पैसे की बचत हो रही है। मुख्यमंत्री ने बच्चों से स्वामी आत्मानंद स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में भी पूछा। जिस पर बच्चों ने स्कूल में उपलब्ध लैब, लाइब्रेरी, टीचर, शौचालय, प्लेग्राउंड और पढ़ाई व्यवस्था को अंग्रेजी में ही जवाब दिया। इस पर मुख्यमंत्री ने बच्चों की प्रशंसा करते हुए उनकी सराहना की।