कथक नृत्य को लेकर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 21 से खैरागढ़ में

कथक नृत्य को लेकर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 21 से खैरागढ़ में


इंदिरा संगीत विश्वविद्यालय का आयोजन
आजादी के बाद समाज में कथक नृत्य की स्थिति के बारे में होगी संगोष्ठी
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, का भव्य आयोजन
शोध आलेख भेजने वाले विद्यार्थियों को 20 नवं. तक,रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य
खैरागढ़(अमर छत्तीसगढ़)- कथक के राष्ट्रीय विशेषज्ञों की उपस्थिति में 21 नवंबर से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में, आजादी के बाद समाज में कथक नृत्य की स्थिति पर गहन विचार-विमर्श किया जाना है. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ द्वारा आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की पूर्व कुलपति डॉक्टर पूर्णिमा पांडे (लखनऊ), अध्यक्षता इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति डॉ मोक्षदा (ममता) चंद्राकर द्वारा किया जाना है. संगोष्ठी सभा में कथक विशेषज्ञ महिलाओं, पुरुषों, संस्थागत की दृष्टि, गुरुकुल परंपरा, संचार के माध्यम, साहित्य की दृष्टि से कथक की स्थिति पर अध्ययन करेंगे.
जिन विद्यार्थियों को शोध आलेख भेजना है वे इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की ओर से अधिकृत किए गए अकाउंट नंबर(आई डी) dance@IKsv.ac.in पर ₹1000 का रजिस्ट्रेशन फीस 20 नवंबर तक भेज सकते हैं.पदमश्री डॉक्टर मोक्षदा ममता चंद्राकर कुलपति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के संरक्षण में कुलसचिव प्रोफ़ेसर आई डी तिवारी, कार्यक्रम की संयोजिका प्रोफेसर डॉक्टर नीता गहरवार अधिष्ठाता,नित्य संकाय इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ द्वारा 21 एवं 22 नवंबर को 2 दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में आजादी के बाद समाज में कथक नृत्य की स्थिति पर विचार विमर्श किया जाना है.कार्यक्रम इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के तकनीकी सत्र दरबार हॉल केंपस 1, प्रायोगिक सत्र प्रेक्षागृह कैंपस 2 में आयोजित है।
आजादी के बाद समाज में कथक नृत्य की स्थिति पर विशेषज्ञ करेंगे मंथन – 21 नवंबर से कथक नृत्य की स्थिति पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संगोष्ठी कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र 10:30 से 11: 30 तक होगा. स्वागत उदबोधन नृत्य संकाय अधिष्ठाता डॉ नीता गहरवार द्वारा दिया जाएगा. मुख्य अतिथि डॉक्टर पूर्णिमा पांडे व अध्यक्षता इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति डॉक्टर मोक्षदा ममता चंद्राकर होगी डा. नीता गहरवार द्वारा आभार प्रकट किया जाएगा. कार्यक्रम का तकनीकी प्रथम सत्र 11:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक होगा जिसकी अध्यक्षता पूर्व कुलपति डॉक्टर पूर्णिमा पांडे करेगी विशेषज्ञ के रूप में इंदौर की डॉक्टर सुचित्रा हरमलकर, खैरागढ़ से डॉ शिवाली सिंह व अन्य विशेषज्ञों में आमंत्रित शोधार्थी विद्यार्थी एवं अन्य संगोष्ठी सभा में शामिल होंगे. प्रायोगिक द्वितीय सत्र शाम 6:00 बजे से प्रारंभ होना है जिसमें इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ कथक विभाग के प्रस्तुतकर्ताओं द्वारा राज्यगीत, नृत्य की प्रस्तुति होगी. प्रायोगिक सत्र की विशेषज्ञ इंदौर की डॉक्टर सुचित्रा हरमलकर होगी. तकनीकी तृतीय सत्र 22 नवंबर को प्रातः 10:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक होगा. सत्र की अध्यक्षता खैरागढ़ से प्रोफेसर डॉ ज्योति बख्शी करेगी. विशेषज्ञ के रूप में दिल्ली से डॉक्टर कविता ठाकुर डॉक्टर समीक्षा शर्मा तथा आमंत्रित शोधार्थी एवं अन्य शामिल है. प्रायोगिक चतुर्थ सत्र शाम 6:00 बजे से प्रारंभ होगा. सत्र के विशेषज्ञ के रूप में दिल्ली से डॉक्टर कविता ठाकुर व डॉक्टर समीक्षा शर्मा तथा आशीर्वाद वचन कुलपति डा. चंद्राकर एवं आभार प्रदर्शन नृत्य संकाय की अधिष्ठाता प्रो.डॉक्टर नीता गहरवार द्वारा किया जाएगा.

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