जैन संत ललितप्रभ जी का 5 दिवसीय प्रवचन, जीने की कला का बताएंगे महत्व

जैन संत ललितप्रभ जी का 5 दिवसीय प्रवचन, जीने की कला का बताएंगे महत्व

राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) । जीने की कला का महत्व बताने व समझाने के लिए प्रख्यात राष्ट्र संत प.पू. ललित प्रभ जी का संस्कारधानी में एक बार फिर आगमन हो रहा है। छह माह पहले शहर में दस्तक दे चुकें संत ललित प्रभ जी इस बार पांच दिनो के लिए शहर में रहने वाले है। इस दौरान सन सिटी के साथ ही जैन बगीचा में लोगों को जीने की कला प्रवचन माला सुनने का मौका मिलने वाला है। जैन संत ललितप्रभ जी का स्वागत की तैयारी भी जैन समाज द्वारा शुरु कर दी गई है।
श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपुजक संघ के मैनेजिंग ट्रस्टी मनोज बैद ने बताया कि 22 नवंबर को महोपाध्याय ललितप्रभ जी का शहर में आगमन होने वाला है। 22 नवंबर की शाम 5 बजे संत ललित प्रभ जी के नगर प्रवेश पर सन सिटी में जोरदार स्वागत की भी तैयारी की जा रही है। इस बार दो स्थानों में जैन संत का प्रवचन होगा, जिसमें सनसिटी और पार्श्वनाथ जैन बगीचा शामिल है। पहले दौर में 22 को रात 8 बजे से और 23 नवंबर को सुबह 9 बजे से एवं रात 8 बजे से सन सिटी में प्रवचन होगा। इसके बाद 24 की सुबह 8 बजे दिल्ली दरवाजा से नगर प्रवेश होगा और इसी दिन जैन बगीचा में सुबह 9 बजे प्रवचन होगा। वहीं 25 और 26 नवंबर को भी जैन बगीचा में सुबह 9 बजे से प्रवचन का आयोजन जैन बगीचा में होने वाला है।

मीडिया में भी प्रख्यात संत
श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपुजक संघ के मीडिया प्रभारी आकाश चोपड़ा ने बताया कि जीने की कला का महत्व बताने की श्रृंखला को लेकर जैन संत ललित प्रभ जी द्वारा कई प्रवचन दिए गए है। इसके वीडियो भी बड़ी संख्या में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उपलब्ध है। युवा वर्ग के साथ ही महिलाओ व बुजूर्गों में इनके प्रवचन वीडियो काफी पसंद किए जाते है। यहीं कारण है कि इन वीडियो को देखने वालों की संख्या लाखों में है। ज्ञात हो राष्ट्रसंत ललितप्रभ जी का राजनांदगांव में पहले भी आगमन हो चुका है, तथा राजधानी रायपुर में चातुर्मास की पूर्णाहुति कर पुनः राजनांदगांव नगर पधार रहे है।

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