मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात…. राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र में असर…. समाजिक संस्थाये, मीडिया व अन्य क्षेत्र प्रसन्न दिखे…. विधानसभा क्षेत्र के टिकितार्थियों की दौड़ में कमजोर भी दिखे प्रत्याशी

मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात…. राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र में असर…. समाजिक संस्थाये, मीडिया व अन्य क्षेत्र प्रसन्न दिखे…. विधानसभा क्षेत्र के टिकितार्थियों की दौड़ में कमजोर भी दिखे प्रत्याशी

रायपुर/राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़)। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अगले माह अपने 4 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने जा रहे है। इस बीच उन्होंने आम लोगों से मतदाताओं से सामाजिक संगठनों, मीडिया से भी काफी नजदीकी व मांग के अनुसार उसकी आपूर्ति करने की दिशा में राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र में दो दिवसीय प्रवास काफी असरदार दिखा। वैसे भी श्री बघेल ने राजनांदगांव शहर व जिले के आधा दर्जन से अधिक नेताओं को निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरण के साथ ही केबिनेट व राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया है। राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह का निर्वाचन क्षेत्र है। भाजपा इस बार उम्र का मापदण्ड रखा तो डॉ. रमन अपने स्थान पर अपनी पसंद के प्रत्याशी को मैदान में उतार सकते है। जिसमें पूर्व महापौर, पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव के नाम की चर्चा उनकी पार्टी के लोग यदा कदा करते दिखते है। राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र को लेकर उम्मीद्वारी व टिकितार्थियों के दौड़ में कुछ नेता दिख रहे है लेकिन इसमें भी उनके कुछ की जीत सकने की स्थिति अस्पष्ट दिखती है।

कांग्रेस ने राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र में बाहरी प्रत्याशी पूर्व सांसद श्रीमती करुणा शुक्ला को मैदान में उतारा था जिसने डॉ. रमन की जीत मार्जिन को सर्वाधिक प्रभावित किया था। चर्चा है कि वर्तमान में कांग्रेस को इस विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी उतारने के पूर्व उसकी जानकारी आंतरिक तौर पर भी संकलन करने की आवश्यकता पड़ सकती है। राजनांदगांव नगर निगम में जहां कांग्रेस का वर्चस्व प्रभाव व बहुमत है वहीं जिला पंचायत में भाजपा का बहुमत है। राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में 4 जिले है जिनमें 8 विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 7 विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस विधायक है। कम से कम 5 स्थानों में मतदाताओं की पसंद के अनुरुप तथा कार्यकर्ताओं के लिए सर्वमान्य प्रत्याशी मैदान में उतारना होगा।

पूर्व मुख्यमंत्री के लिए भी राजनांदगांव, खैरागढ़, मोहला जिलों के 6 सीट को लेकर अपने पूरी ताकत झोंकनी पड़ सकती है। जिसमें डॉ. रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र को भी कांग्रेस अपने कब्जे में करने के लिए प्रत्याशी चयन के मामले में पूरी सावधानी बरतनी होगी। इन सबकी चर्चा भाजपा व कांग्रेस दोनों के मध्य प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रुप से हो रही है। शासन-प्रशासन के गोपनीय विभाग भी 6 विधानसभा क्षेत्र को लेकर भी जानकारियां संकलन परोक्ष रुप से करते दिख रहे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसी भी स्थिति में राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र सहित राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के सभी जिलों के 8 विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीद्वारों को जीताकर लाने ताकत झोंकेगे फिलहाल यह स्थिति अगले वर्ष चुनावी वर्ष में निर्मित होगी। लेकिन राजनांदगांव में कांग्रेस के सत्ता व संगठन के मध्य सामंजस्य के आभाव में स्थितियां विपरित दिखती है।

मुख्यमंत्री की नजदीकी सर्वाधिक प्रमुख राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, संगठन के प्रमुख रामगोपाल अग्रवाल वैसे भी जिले की स्थिति से वाकिफ है गिरीश देवांगन ने नगर निगम वार्ड उपचुनाव एवं खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में अपनी ताकत झोंकी। अत: उन्हें राजनांदगांव सहित सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों में जिसमें अधिकांश में नए प्रत्याशी उतारने की आवश्यकता सत्ता पक्ष को पड़ सकती है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र सहित सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों में नजर रखे हुए बताए जाते है। बहरहाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भेंट मुलाकात ग्रामीण क्षेत्रों में विकास व जनहित के कार्यों में उदारता मांग के अनुरुप तत्काल घोषणा किसानों को मिल रहा लाभ एवं राजीव मितान की सक्रियता उनके स्वयं के नजदीकियों की सक्रियता कुछ वर्तमान विधायकों के अपने क्षेत्र में न रहकर दूसरे जिले से आना-जाना क्षेत्र के मतदाताओं को खल रहा है।

जिसका प्रमाण भेंट मुलाकात में स्वयं मुख्यमंत्री रुबरु होते दिखे। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ सरकार छत्तीसगढ़ी संस्कार, संस्कृति, खेलकूद, व्यंजन, तीज त्यौहार व शासकीय छुट्टियां, शिक्षा के क्षेत्र सर्वाधिक सक्रियता राजनांदगांव में समाजसेवी एवं सामाजिक संस्थाओं, प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी, ईश्वरी विश्वविद्यालय को पर्याप्त अनुदान, गुजराती समाज, जैन समाज, साहू समाज को सर्वाधिक सहयोग अन्य समाज के लोगों को भी पूरी उदारता से अपने समाज के संगठन को मजबूत करने की दिशा में दिए गए अनुदान की घोषणा निश्चित तौर पर उनके भेंट मुलाकात को सभी से आत्मीयता जोड़ते जुड़ते दिख रहा है।

पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े मीडिया कर्मियों को भी विशेषकर प्रेस क्लब राजनांदगांव को चाहे गए राशि के अनुपात में अधिक सहयोग भी उनके लिए आने वाले चुनाव में फिर से सरकार में लौटने का मार्ग प्रशस्त करते दिख रही इसकी चर्चा अब विभिन्न क्षेत्रों में हो रही है। शेष अगले वर्ष

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