राजनांदगांव/ रायपुर/दुर्ग (अमर छत्तीसगढ़)। सम्मेद शिखर तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में कल जिला, प्रदेश व पूरे देश में कल जैन समाज द्वारा भारत बंद का आह्वान किया है। भारत में जैन समाज द्वारा बंद रखकर सरकार के फैसले का विरोध किया जा रहा है।
दुर्ग, राजनांदगांव, रायपुर सहित पूरे प्रदेश एवं देशभर में कल जैन समाज ने बंद का आह्वान करते हुए अपने व्यवसाय को बंद रखते हुए कल रैली में शामिल होकर विरोध दर्ज कराने की अपील छत्तीसगढ़ प्रदेश ही नहीं देश के सभी राज्यों में जैन समाज कल देश व्यापी बंद के आह्वान पर अपना व्यवसाय भी बंद रहेगा तथा सरकार के विरोध में रैली निकालेंगे। भारत के झारखंड प्रदेश में स्थित सम्मेद शिखरजी जो प्राचीन काल से संपूर्ण जैन समाज के आस्था का केंद्र रहा है उसी तीर्थ की प्राचीनता एवं पवित्रता को नष्ट करने का निर्णय झारखंड सरकार द्वारा एवं केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा लिया गया है जो जैन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
इस हेतु सकल जैन श्री संघ की बैठक आहूत की गई जिसमें समाज के सभी मुख्य प्रतिनिधि शामिल हुए और सरकार के इस निर्णय के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए कुछ संगठित प्रयास करने का निर्णय लिया गया इस बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार दिनांक 21 दिसंबर 2022 को एक ज्ञापन जिला कलेक्टर महोदय को सौंपने हेतु एक मौन रैली प्रात: 10:00 जैन बगीचे से निकाली जाएगी साथ ही साथ भारत के महामहिम राष्ट्रपति प्रधानमंत्री एवं झारखंड सरकार को भी एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
बैठक में समाज के सभी प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए और जैन समाज को एक साथ आकर सरकार के इस निर्णय का विरोध करने की अपील की। इस बैठक में मनोज बैद, ओम कांकरिया, राजेंद्र सुराणा, अशोक झांझरी, गौतम पारख, ज्ञानचंद बाफना, उत्तम चंद बाफना, रविकांत जैन, मनीष छाजेड़, नरेश गोलछा, ज्ञानचंद कोठारी, शैलेंद्र कोठारी, नरेश बैद, रेखचंद सांखला, आकाश चोपड़ा,अक्षय मुनोत, आदि बहुत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए ।
कुछ दिन पहले जैन समाज के प्राचीन तीर्थ जिसे आप हम सब पालीताणा के नाम से जानते हैं वहां पर भी कुछ अपराधिक तत्वों द्वारा प्रतिमा को एवं भगवान की चरण पादुकाओं को क्षति पहुंचाई गई जिसके विरोध में पालीताणा तीर्थ में लाखों की संख्या में जैन समाज के लोग पहुंचे और वहां के प्रशासन के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा गया। सभी सभी जैन समाज के बंधुओं से यह अपील की जा रही है की रैली में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर और अपने व्यवसायिक संस्थानों को आधा दिवस अवकाश रखकर इस अभियान को सार्थक और सफल बनाएं।