सम्मेदशिखर तीर्थ की पवित्रता, भव्य प्राण प्रतिष्ठा व कल्याणकारी नववर्ष की कामना के साथ दादागुरुदेव की पूजा

सम्मेदशिखर तीर्थ की पवित्रता, भव्य प्राण प्रतिष्ठा व कल्याणकारी नववर्ष की कामना के साथ दादागुरुदेव की पूजा

रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) प्रातः से ही श्री सीमांधर स्वामी जैन मंदिर चमत्कारी जिनकुशल सूरि दादाबाड़ी भैरव सोसाइटी में पूनम कि 2023 बड़ी पूजा में दादा गुरुदेव कि साधना आराधना करने भक्तो का उत्साह देखते ही बनता था पूजा का विधान सर्वप्रथम अक्षत नारियल को समर्पण कर स्थापना के मंत्रोच्चार के साथ ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद द्वारा किया गया ।

उन्होंने बताया कि दादागुरुदेव की अनुपम कृपा से वर्ष 2022 में संपूर्ण छत्तीसगढ़ में सुख शांति बनी रही ।आज हम सभी दादा गुरुदेव से अरदास करेगे की 2023 में भी सभी का जीवन मंगलकारी हो हमारे सभी जैन तीर्थो विशेषकर सम्मेद शिखर की पवित्रता बनी रहे । बैद ने कहा कि रायपुर के प्राचीनतम मंदिर व दादाबाड़ी की अंजन शलाका प्राणप्रतिष्ठा भव्याति भव्य संपन्न हो इसकी भी हम सभी गुरुदेव से प्रार्थना करेगे, इसके साथ ही संगीतमय चौपाइयों के साथ अष्ठ प्रकारी पूजा का आगाज ईश्वर जग चिंतामणि कर परमेष्टी ध्यान गणधर पद गुण वरना पूजन करो सुजान के बोलो के साथ चारों दादा गुरुदेव के चमत्कार की गाथा पढ़ी गई।

उपरोक्त जानकारी ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष जैन, महासचिव महेन्द्र कोचर ने देते हुए बताया कि सर्वप्रथम प्रथम विधान में मार्बल कि कलात्मक छतरी में विराजमान चारों दादा गुरुदेव का पवित्र जल से अभिषेक किया गया द्वितीय विधान में मूर्तियों कि चंदन से पूजा की गई। इसी के साथ ही सुप्रसिद्ध भजन गायक वर्धमान चोपड़ा ने गुरु परतीख सुरतरू रूप सुगुरु सम दूजो तो नही के भाव पूर्ण चौपाइयों से तृतीय विधान पुष्प पूजा में भावांजलि अर्पित की। निर्मल पारख ने कैसे कैसे अवसर में गुरु रखी लाज हमारी अबकी बेरिया भूल मत जाना दादा कुशल गुरु उपकारी के मधुर स्वर से दादा का आशीर्वाद मांगा ।भजनों कि माला में सुप्रसिद्ध गायिका दिप्ती बेद ने गुरु तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जावे सच कहती हु मेरी तगदीर संवर जावे के बोलो से दादाबाड़ी में उपस्थित सैकड़ों भक्तों को भक्ति रस से सरोबार कर दिया ।

ट्रस्टी निलेश गोलछा ने चतुर्थ विधान धूप पूजा के दोहे धूप पूज कर सुगुरू की पसरे परिमल पूर यश सुगंध जग में बढ़े चढ़े सवाया नूर के बोलो से अपनी भावांजलि अर्पित की इसी के साथ दीप , अक्षत , नैवेद्य , फल पूजा में विधि विधान से पूजन सामग्री लाभार्थी परिवार द्वारा समर्पित की गई नवमे विधान में वस्त्र समर्पित कर अंतिम विधान ध्वज पूजा में चांदी की ग्यारह ध्वजा को सौभाग्यवती महिलाओं ने मस्तक पर रख कर तीन फेरी देकर संपूर्ण श्रीसंघ की सुख शांति की मंगल कामना कि पूजा में प्रमुख रूप से पदम गोलछा अशोक कोचर, संतोष झाबक, डॉ योगेश , धीरेंद्र सेठ, अरिहंत कोचर ट्रस्टी निलेश गोलच्छा, श्रीमती मंजू कोठारी, सरला बैद, पूनम बरमट, नंदा बरमट, कीर्ति लोढ़ा, मधु पारख़, शेला बरडिया, पुष्पा कोचर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे ।

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