शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव के हिंदी विभाग में एलुमनी बैठक सम्पन्न

शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव के हिंदी विभाग में एलुमनी बैठक सम्पन्न



भूतपूर्व विद्यार्थियों ने व्यक्त किया रोचक एवं प्रेरणास्पद विचार
राजनांदगाॅव(अमर छत्तीसगढ़) जिले के अग्रणी एवं प्रतिष्ठित दिग्विजय महाविद्यालय में एलुमनी बैठक विभागाध्यक्ष हिन्दी डाॅ. शंकरमुनी शनिवार 07 जनवरी को आयोजित की गई। बैठक में महाविद्यालय के भूतपूर्व विद्यार्थी एवं शासकीय महाविद्यालय छुईखदान के प्राचार्य डाॅ. जयंती विश्वास, शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डाॅ. बी.एन. जागृत, जनसम्पर्क अधिकारी जिला बालोद श्री चन्द्रेश ठाकुर, शासकीय महाविद्यालय ठेलकाडीह के सहायक प्राध्यापक डाॅ.लालचंद सिन्हा, शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डाॅ. प्रवीण साहू, डाॅ. गायत्री साहू, डाॅ.नीलम तिवारी, डाॅ. मनीषा सोनी, गजेन्द्र साहू, प्रद्युम्न वैष्णव सहित महाविद्यालय के प्राध्यापक, भूतपूर्व विद्यार्थियों के अलावा एम.ए. हिन्दी के विद्यार्थीगण उपस्थित थे। इस अवसर पर भूतपूर्व विद्यार्थियों के द्वारा इस महाविद्यालय से जुड़े रोचक प्रसंगो पर प्रकाश डालते हुए रोचक एवं प्रेरणास्पद विचार व्यक्त किया।


बैठक में हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ. शंकरमुनी राय ने एलुमनी के महत्व के संबंध में सारगर्भित विचार व्यक्त करते हुए एलुमनी के प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक शिक्षण संस्थान एवं शिक्षक के लिए सबसे गौरव की बात उनके विद्यार्थियांे की उपलब्धि होती है। उन्होंने इस महाविद्यालय से शिक्षा अर्जन करने के पश्चात् विभिन्न पदों पर सुशोभित होने वाले विद्यार्थियों को एलुमनी से जुड़कर महाविद्यालय के विकास को गति प्रदान करने में अपनी बहुमूल्य भागीदारी निभाने को कहा।

शासकीय महाविद्यालय छुईखदान के प्राचार्य डाॅ. जयंती विश्वास ने हिंदी विभाग के एलुमनी की गठन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आने वाली पीढ़ी को इसे अक्षुण्ण बनाने की अपील की। हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डाॅ. बी.एन. जागृत ने अपने संघर्षमय सफर के संबंध में विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए उन्हें चुनौतियों से डटकर मुकाबला करने को कहा। बालोद जिले के जनसम्पर्क अधिकारी श्री चन्द्रेश ठाकुर ने महाविद्यालय के गौरवशाली विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय हिन्दी विभाग साहित्य मनीषी एवं मुर्धन्य साहित्यकार गजानंद माधव मुक्तिबोध, डाॅ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी एवं डाॅ. बल्देव प्रसाद मिश्र जैसे स्वनाम धन्य विभूतियों की पावन कर्मभूमि रही है।

उन्होंने संस्था के विद्यार्थियों को समझाईश देते हुए कहा कि विश्व के प्रत्येक महापुरूष विपरीत परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करते हुए जीवन में उपलब्धियों को हासिल किए हैं। श्री ठाकुर ने विद्यार्थियों को कठिन मेहनत, त्याग एवं संयम से जीवन में विशिष्ट उपलब्धि हासिल कर अपने माता-पिता एवं इस संस्थान का नाम रौशन करने को कहा। डाॅ. लालचंद सिन्हा ने कहा कि दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है, बस आवश्यकता है दृढ़ इच्छाशक्ति एवं लक्ष्य के प्रति समर्पण की।

सहायक प्राध्यापक प्रवीण साहू ने कहा कि वे भी बहुत ही सामान्य एवं ग्रामीण परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने लगन एवं परिश्रम के बदौलत आज इस मुकाम पर हैं। उन्होंने इस एलुमनी बैठक में इस महाविद्यालय से शिक्षा अर्जन कर उच्च पदों पर सुशोभित होने वाले संस्था के भूतपूर्व विद्यार्थियों की उपस्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम को डाॅ. गायत्री साहू, डाॅ. नीलत तिवारी, डाॅ. सुनीता सोनी, डाॅ. मनीषा सोनी, गजेन्द्र बघेल, प्रद्युम्न वैष्णव ने भी संबोधित करते हुए रोचक जानकारियाॅ दी। इस अवसर पर हिन्दी विभाग के नव भूतपूर्व विद्यार्थियों ने आजीवन सदस्यता भी ग्रहण की। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. प्रवीण साहू एवं नीलम तिवारी ने किया।

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