राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) । नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व नेता प्रतिपक्ष तथा पार्षद दल के प्रवक्ता शिव वर्मा ने कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद तथा शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा द्वारा बूढ़ा सागर सौन्दर्यीकरण मामले में दिए गए बयान पर आश्चर्य जताते हुए कई सवाल उठाए हैं, एक जारी बयान में वर्मा ने कहा कि बूढ़ा सागर सौन्दर्यीकरण मामले में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है और इसमें कई अधिकारी व नेता भी शामिल है जिसके चलते आज तक सही ढंग से जांच नहीं हुई है और आज तक कोई ठोस पहृल नही हुई है कांग्रेस के बयानवीर केवल अखबारों में छाए रहने तथा बड़े नेताओं को दिखाने के लिए बूढ़ासागर मामले में बयान दे रहे हैं। अगर वह इतने ही सजग और सही पार्षद हैं तो उन्हें मामले की जानकारी होने के बाद सूचना के अधिकार मे लगे रहना कुछ और इंगित करता है।
जनता से जुडे मामले में भ्रष्टाचार को संरक्षण चिंता का विषय है। महापौर हेमा देशमुख ने नगर निगम की सामान्य सभा में पारित सर्वसम्मति से जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की बात की है। अब जाकर यह पार्षद महाशय नींद से जागे हैं और महापौर और निगमायुक्त के द्वारा की जा रही गलतियां पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं। महापौर हेमा देशमुख को बूढ़ा सागर सौन्दर्यीकरण में मामले में कुलबीर ने आईना दिखाया है।
महापौर भी ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने का इस महत्वकांक्षी योजना की शुरुआत भाजपा शासन में जरुर शुरू हुई थी जो कालांतर में कांग्रेस राज में पूरी हुई है नगर निगम के आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी ने आकर पूर्व में बूढ़ा सागर सौन्दर्यीकरण के लिये गत माह आंदोलन स्थल पर 2 माह में दोषियों पर कार्रवाई की बात कही गई थी परंतु अभी आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाई है। इसमें किसी भी न्यायिक क्षेत्र के ईमानदार अथवा अन्य विभाग के अधिकारी से मामले की जांच कराया जाना चाहिए, तभी ऐसे भ्रष्ट कारनामों पर रोक लग पाएगी और दोषियों को सजा मिलेगी।
श्री वर्मा ने कहा कि बूढ़ा सागर सौन्दयीकरण मामले में जिस तरह आनन – फानन में नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा भुगतान किया गया है। उससे इस बात की संभावना प्रबल हो रही है कि इस योजना के तहत जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। श्री वर्मा ने कहा कि अब भी देर नही हुई है। ऐसे गंभीर मामले में मुख्यमंत्री को तत्काल किसी रिटायर्ड जज के देखरेख में जांच करानी चाहिये।