प्राचीन कालीन श्री भावर गणेश जी की मूर्ति की लूट…. आरोपी गिरफ्तार

प्राचीन कालीन श्री भावर गणेश जी की मूर्ति की लूट…. आरोपी गिरफ्तार

गिफ्तार अरोपी अतुल भागर्व पिता संजय भागर्व उम्र 25 वर्ष साकिन टिकारी

बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ़) मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना मस्तुरी क्षेत्र के ग्राम पाली में श्री भावर गणेश जी की मंदिर नदी किनारे स्थित है जिसमें श्री भावर गणेश जी की प्राचीन कालीन मूर्ति स्थापित है। मंदिर की देख रेख एवं पूजा पाठ हेतु गांव का ही महेश राम केवट द्वारा किया जा रहा था कि दिनांक 25.08.22 को महेश केवट रात्रि करीब 09.30 बजे खाना खाकर मंदिर के ही 50 कदम दक्षिण पश्चिम में बना मंदिर का सामुदायिक भवन में जमीन पर अकेले सो रहा था कि रात्रि करीब 01-02 बजे के बीच चार अज्ञात नकाबपोश व्यक्ति सामुदायिक भवन के पास आये उसमें का दो व्यक्ति सामुदायिक भवन का दरवाजा को जोर से धकेलते हुये अन्दर प्रवेश किये और मंदिर का पुजारी महेश राम केवट को पकड़ लिये तथा उसके सोये जमीन पर ही दबा कर उसके साथ हाथ मुक्का से मारपीट किये।

एक आरोपी कट्टा रखा था जो महेश केवट के सिर में अड़ा दिया और उससे मंदिर का चाबी को छिन कर श्री भावर गणेश मंदिर का ताला खोलकर मंदिर अन्दर स्थापित प्राचीन कालीन श्री भावर गणेश जी की मूर्ति को लूट लिये थे जिस पर थाना मस्तुरी में अप क्रमांक 483/22 धारा 458,397 भादवि0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है प्रकरण के अज्ञात आरोपियों की पता तलाश के दौरान मुखबीर सूचना पर आरोपी युवराज टण्डन, मोहताब सुमन उर्फ राजा. निशांत कुमार घोष उर्फ सचिन, सुमीर राय को तलब कर बारिकी से पुछताछ किया गया।

जिसमें उक्त चारो आरोपियों द्वारा अपने एक अन्य साथी अतुल भार्गव के साथ मिलकर ग्राम पाली में श्री भावर गणेश मंदिर में लूट हुये श्री भावर गणेश की प्राचीन कालीन मूर्ति को अपने पास होना जुर्म स्वीकार किये आरोपियों से लूट किया गया श्री भावर गणेश की मूर्ति तथा घटना में प्रयुक्त आलाजरब को जप्त किया गया जाकर आरोपियों को न्यायिक हिरासत पर भेजा गया था प्रकरण के आरोपी अतुल भार्गव घटना दिनांक से लगातार फरार था। जिसे वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर भारी मशक्कत के बाद आज दिनोंक 31.01.23 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल निरूद्ध किया गया आरोपी अतुल भार्गव निवासी टिकारी को धर पकड़ करने में थाना प्रभारी मस्तुरी प्रकाश कांत तथा थाना मस्तुरी के सउनि हेमन्त पाटले, आरक्षक शिवधन बंजारे, सुखदेव माण्ड्रे, रामस्नेही साहू का सराहनीय योगदान रहा।

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