* बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ) उन्नत शिक्षा अध्ययन संस्थान बिलासपुर में 27 वर्ष की सेवा अर्पित कर सेवानिवृत्त हुई सहज, सरल, सौम्य व समायोजन की क्षमता से परिपूर्ण सहायक प्रध्यापक डॉ. क्षमा त्रिपाठी को बिलासपुर के सेंट्रल प्वाइंट होटल बोदरी में दिनांक 3.10.2021 को पूरी गर्मजोशी व उत्साह के साथ बिदाई दी गई । किसी भी संस्थान से सेवानिवृत्त होने पर यह बिदाई समारोह इसलिए अभूतपूर्व व अविस्मरणीय रही कि इस आयोजन में अपने प्रिय आचार्य को बिदाई देने हेतु न केवल उन्नत शिक्षा अध्ययन संस्थान बिलासपुर में वर्तमान में एम. एड. एवं बी. एड़ प्रशिक्षणरत् व आचार्य सम्मिलित हुए वरन् विगत् 2015 से जबकि डॉ. क्षमा त्रिपाठी एम. एड. की प्रभारी बनी तब से प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक प्रशिक्षार्थी व आचार्य गण पधारे हुए थे।
संस्थान के आचार्य सह छात्रावास प्रभारी डॉ. दिनेश जैन के आह्वान पर उनके संयोजन एवं मार्गदर्शन में तथा पूर्व एम. एड. प्रशिक्षित शिक्षक विद्याभूषण शर्मा की उत्कृष्ट व्यवस्थापन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से सैकड़ों की संख्या में विद्वान शिक्षक अपने आदर्श व व्यवहारकुशल आचार्य को भावपूर्ण बिदाई देने हेतु एकत्रित हुए थे। इस कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया गया. पूर्व एम. एड. प्रभारी व विद्वान आचार्य डॉ. रंजना चतुर्वेदी का अभिनंदन डॉ. दिनेश जैन ने किया. डॉ. क्षमा त्रिपाठी का स्वागत आचार्य राजेश गौरहा व आचार्य डॉ. उल्लास वारे का स्वागत शिक्षक विद्याभूषण शर्मा ने किया. आचार्य डॉ. छाया शर्मा का अभिनंदन शिक्षक श्रीमती शीला शर्मा ने व आचार्य डॉ. संजय आयदे का स्वागत शिक्षक गोपाल प्रसाद कौशिक ने किया. आचार्य डॉ. पोद्दार सर का स्वागत शिक्षक सुश्री मोहिता बाजपेयी के द्वारा, वर्तमान एम. एड. प्रभारी डॉ. बी. व्ही. रमणा राव का स्वागत शिक्षक श्रीमती रीता गिरी ने किया. आचार्य राजेश गौरहा का स्वागत शिक्षक बाबू लाल बरेठ के द्वारा तथा आचार्य डॉ. उषामणी का स्वागत शिक्षक श्रीमती संगीता कुशवाहा की ओर से किया गया. वहीं शशीकांत त्रिपाठी का अभिनंदन चन्द्र प्रताप सिंह ने किया.बिदाई समारोह में अनेक प्रतिभागियों ने डॉ क्षमा त्रिपाठी के प्रति अपने मन के उद्गार को अभिव्यक्त किया. सर्वप्रथम श्रुति अग्रवाल एवं तृप्ति झा ने सुमधुर आवाज में सरस्वती वंदना व स्वागत गान प्रस्तुत किया. मुकेश कुमार मौर्य ने भी संस्कृत में सरस्वती स्तोत्रम सुनाया.
अपने स्वागत भाषण में डॉ. डी.के.जैन ने इस अभूतपूर्व आयोजन के संबंध में बताया कि डॉ. क्षमा त्रिपाठी बहुत ही उदार व सहयोगी प्रकृति की हैं उनसे प्रशिक्षार्थयों का विशेष लगाव रहा है, पूर्व प्रशिछु शिक्षकों की इच्छा पर यह कार्यक्रम आयोजित है. कु. अतुल्या कोचर ने स्वरचित गीत के साथ एक आकर्षक नृत्य किया वहीं स्नेहालक्ष्मी चतुर्वेदी ने भी एक सुंदर सा नृत्य किया. कार्यक्रम में अर्चना जाधव ने अपनी स्मृतियों को शायराना अंदाज में प्रस्तुत किया. शिव कुमार नोनिया ने बहुत ही मनोरंजक व गुदगुदाते हुए अपनी यादें प्रस्तुत की, इसी कड़ी में गोपाल प्रसाद कौशिक ने अपनी कविता से खूब ठहाके लगवाये. अरविंद कुमार गुप्ता, दिलीप शर्मा, जीवन यादव, शीला शर्मा, अजय शुक्ला, विद्याभूषण शर्मा ने अपने वक्तव्य में सभागार को भाव विभोर कर दिया. रीता गिरी की भावनाओं से भरी कविता, विनीत मिश्रा व तृप्ति झा के फिल्मी गीत, डॉ. छाया शर्मा के गीत व डॉ. संजय आयदे, डॉ. उषामणी के गीत से कार्यक्रम ऊंचाई पर था. धनेश्वरी राही व कृष्ण कुमार चन्द्रा के विदाई गीत बहुत ही मर्मस्पर्शी रहे. इस सभा को डॉ. राव ने भी संबोधित कर उन्नत शिक्षा अध्ययन संस्थान को अपना श्रेष्ठ देने की बात कही. डॉ रंजना चतुर्वेदी व डॉ. उल्लास वारे ने डॉ क्षमा त्रिपाठी के योगदान को अविस्मरणीय बताया. अपने उद्बोधन में डॉ क्षमा त्रिपाठी ने अपने उद्गार से सबको भाव विभोर कर दिया और जीवन में समायोजन की महत्ता पर प्रकाश डाला. सबके प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि मुझसे हुई गल्तियों को विसार कर अछच्छे अनुभवों को साथ रखिएगा. वहीं डॉ पोद्दार ने अपने चिरपरिचित अंदाज में शायराना उद्बोधन के साथ कार्यक्रम के प्रति आभार प्रदर्शन किया. कार्यक्रम के अंत में संस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह् प्रदान किया गया. शिक्षक मोहिता बाजपेयी ने परिचय पठन किया और सत्र 2015-17 व 2016-18 में एम. एड. प्रशिक्षित शिक्षकों ने स्मृति चिन्ह भेंट किया. इसी कड़ी में मनोज व तृप्ति झा ने स्मृति चिन्ह भेंट किया. कृष्ण कुमार चन्द्रा ने कार्यक्रम का शानदार व सफल संचालन किया.