डोंगरगांव/(अमर छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ की लोक संस्कृति, लोक परंपरा व लोक कला के संरक्षण व संवर्धन हेतु होने वाले छत्तीसगढ के प्रसिद्व लोक मड़ई महोत्सव का 13 वां आयोजन नई सज्जा के साथ डोंगर गांव में 11 फरवरी से 13 फरवरी तक होने जारहा है। लोक मंड़ई का डोंगरगांव में यह पांचवा आयोजन होगा।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए लोकमंड़ई के संस्थापक विधायक दलेश्वर साहू ने कल बताया कि इस बार 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग लाईट एंडसाउंड शो जैसे नई तकनीक के माध्यम छत्तीसगढ के जनजातिसंस्कृति व आदिवासीसमाज से जुड़ेवीर योद्धाओं की गौरव गाथा का अनूठा प्रदर्शन किया जाएगा । जिसमे पुणे,महाराष्ट्र की एक एजेंसी द्वारा उनके प्रमुख अमितजाधव के मार्गदर्शनमें धनंजय झुरंगे व उनकीटीम द्वारा प्रोजेक्षन मैपिंग के कार्य में लग ेहुए है। इस नई तकनीक से लाईट एंडसाउंड शों का यह लोक मंड़ई के साथ साथ जिले का इस तरह का पहला शो होगा। इसके साथ ही हर बार की तरह विशाल मंच का सज्जादिपांकनडेका असम, के द्वारा किया जा रहा है जिसका स्ट्रक्चर निर्माण चितरंजन दास कलकत्ता, द्वारा तैयार किया जा रहा जिस पर आर्ट डिजाईनर धनेश चंद्रवंशी कवर्धा द्वारा अपनी कला कृति तैयार कर रहे है। विधायक दलेश्वर साहू ने बताया कि इस बारमंच का साज सज्जा भोरमदेव मंदिर पर आधारित होगा । लोक मंड़ई में केदारनाथ मंदिर की भी झांकी प्रदर्शनी लगाए जाने की तैयारी चली रही साथ ही गांव गांव से गांव की मंड़ई व बैरग को आमंत्रित करगांव के देवी देवता शीतला, सांहड़ादेव, सतबहनी, ठाकुर देव, डिवहार, चूरापाट, आंगनपाट, चिथड़ा देव, मेड़ोदेव आदि का जीवंत झांकी का प्रदर्शन व विशेष पूजा अर्चना किया जाएगा। इसके अलावा कृषि मेला प्रदर्शनी तथा मीना बाजार झूला आदि होगें।
लोक संास्कृतिक कार्यक्रमों में इस बार कुछ पुराने नामीगिरामी कलाकारों के साथ नये उदीयमान कलाकारों की कला का प्रदर्शन देखने को मिलेगा जिसकी व्यापक तैयारी कलाकारो द्वारा की जा रही है जिसमे कार्यक्रम समन्वयक तिलक राजा साहू, कोरियो ग्राफर विलास राउत, संगीत संयोजन ओपी देवांगन के मार्ग दर्शन पर की जा रही है।
प्रथम दिवस कल को पंडवानी शांति बाई चेलक, मीना साहू, दुजन बाई साहू ,पं. विवेक शर्मा, कंचन जोशी, हेमलाल कौशल, नवीन देशमुख, नरेश यादव, कांतिकार्तिक यादव, शैलेषसाव व कनहैयासाहू, नितिनदुबे, हेमलाल कौशल ग्रुप बिहावविधा, चंपा निषाद, संजय महानंद,पम्मी, द्वितीय दिवस 12 फरवरी को हेमलाल कौशल ग्रपनाचाविधा, गीताजंली साहू, भिनेशहेमलता, देवांगन, पप्पू चंद्राकर घेवर यादव प्रहसन, गोरलाल बर्मन, लक्ष्मीनारायण पांडे, चिमन साहू शैलेश साव, कन्हैया साहू, प्रहसन, दुकालू यादव, शिवानी जंघेल, तृतीय दिवस 13 फरवरी को पूर्णिमा चक्रधारी, अल्का चंद्राकर, सुनीलसोनी, शैलश साव,चिमन साहू प्रहसन, संजय सुरीला, कृपालमानिकपुरी, अनुपमामिश्रा, केशरीसाहू, हेमलाल कौशल ग्रुप हास्य प्रहसन आदि कलाकारों की प्रस्तुति होगी।
लोक मंड़ई छत्तीसगढ़ की लोककला, लोकपरंपरा व लोक संस्कृति के दर्शन कराने वाले उत्सव का नाम है। लोक मंडई अपनी लोककला , , व संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए जमीनीस्तर से लेकर ख्याति प्राप्त कला साधको को एक मंच प्रदान करती है। इस आयोजन के माध्यम से छत्तीसगढ के कर्मा, सुआ, ददरिया, पंथी, भरथरी, नाचा, गम्मत, बिहाव, जसगीत, बांसगीत, आदि जैसे लोक विधाओ को एक सूत्र में पिरोकर इसे जीवंत बनाए रखने का एक सार्थक पहल है।
छत्तीसगढ की अनेक महोत्सवों में शुमार लोक मंड़ई महोत्सव की परिकल्पना आज से 20 वर्षपूर्वराजनांदगांवजिले के डोंगरगढ़ तहसील के एक छोटे से गांव आलीवारा में हुई। आज के भौतिकवादी युग में आधुनिक पाश्चचात्य शैली से छत्तीसगढ की लोक परंपराओं , लोककला, व संस्कृतिपरदुष्प्रभाव व विलुप्त होती इन विधाओं की मन में पीड़ा हुई, तब अपनी संस्कृति का संरक्षण व संवर्धन करने मन में चिंतन हुआ, जिसे लोक संस्कृति के धरोहर स्व. खुमान लाल साव, दीपक चंद्राकर, प्रेमचंद्राकर, भूपेन्द्रसाहू, पीसीलाल यादव, आदि जैसे महान हस्तियों के साथ विचार साझा कर लोक मंड़ई को मूर्त रूप दिया गया और वर्ष 2000 में लोक उत्सवलोकमंडई का ग्राम आलीवारा में उदगम हुआ। पहली बार इस तरह के आयोजन के लिए अविभाजित मध्यपदेष के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शासकीय बजट अनुदान भी स्वीकृत किया। बडे गर्व से कहा जा सकता है इस समय ग्वालियर महोत्सव , जगार महोत्सव के साथ लोक मंडई महोत्सव का नाम भी उसी क्रमजुड़ गया। आलीवारा के इस पहले आयोजन में मध्यप्रदेश के तत्कालीन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम की शुभारंभकी। इस आयोजन की शानदार सफलता के बाद इस आयोजन की लगातार कराए जाने की मांग छत्तीसगढ कला प्रेमियों व आमजनों की बढती गई। दूसरा आयोजन ठेलकाडी हमें वर्ष 2001 में आयोजित हुआ जब अपना छत्तीसगढ राज्य का गठनहोचुकाथा, इस तीन दिवसीय आयोजन भी अपने आप में एक ऐतिहासिक आयोजन हुआ जिसमें छत्तीसगढ़ के राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय व मुख्यमंत्री अजीत जोगी सम्मिलित होकर छत्तीसगढवासियों का हौसला बढाया।
इसी तरह तीसरा आयोजन भी स्थानीय जनमांग अनरूप पुन: 2002 में ग्राम ठेलकाडीह में आयोजित किया गया जिसका भी अच्छा प्रतिसाद मिला। इस आयोजन में स्थानीय पंथी पार्टी व नाचापार्टी को गरिमामयी लोक मंडई का मंच साझा करने का अवसरप्रदानकियागया। चौथा आयोजन वर्ष 2003 में आलीवारा के समीप मुसरा में आयोजित किया, इसी तरह पांचवा आयोजन 2004 में डोंगरगढ, एक सालबाद 2006 में छठवा आयोजन सुरगी राजनांदगांव में, फिर एक सालबाद 2008 में लाल बहादुर नगर में आयोजित हुआ । शासन प्रशासन की ओर से विशेष महत्व नही मिलने के जिसके कारण 2008 के बाद 7 सालतक इस गरिमामय आयोजन पर विराम सा लग गया था।
जिसके लिए विधानसभा चुनाव में विधायक बनकर विधानसभा पंहुचने के बाद अपने ही संस्कृति अपने लोक कलाओं के बारे में संघर्ष करना पड़ा तब कहीं जाकर वर्ष 2016 में 7 साल से विराम कर रहे लोक मंडई का फिर से एक नए उत्साह के साथ नए रूपमेंआठवां आयोजन अपने विधानसभा मुख्यालय डोंगरगांव के कालेज ग्राउंड मैदान में हुआ, लंबे अंतराल के बाद फिर लोक मंडई के पुर्नजिवीत होने का उत्साह देखते ही बन रहा था जिसमे लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हालाकि इस आयोजन में भी कई अड़चने आई पर सूझबूझ के साथ अहसास नही होने दिया। नगरीय क्षेत्र में पहली बार हुई इस आयोजन को एक नई रूप देने छत्तीसगढ के ख्याति प्राप्त कला निर्देषक भपेन्द्र साहू व प्रेमचंद्राकर के निर्देषनमेंतैयारी की गई। जिसमेंछत्तीसगढ के नामी कलाकारों ने सफल प्रस्तुति दी। एक लंबे अंतराल के बाद हुई लोक मंड़ई के डोंगरगांव मे ंअपार सफलता से पुन: कराए जाने की जन मांग को देखते हुए, लगातार दूसरी बार 2018 में नौंवा आयोजन हुआ जिसमें एक नई कल्पना के साथ पूरे डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र के हरगांव से मडई बैरग को एकत्रित कर में लास्थल पर सामूहिक पूजा अर्चना किया गया, किन्तु अचानक मौसम में बदलाव के कारण अंतिम दिवस के कार्यक्रम का लाभ दर्शक नही उठास के और एक बार फिर अपनेनगर में लोक मंडई का आयोजन हो ऐसी लाल सानगर वासियों में देखी गई जिस महसूस करते हुए लोक मंडई का लगातार दसवां व गयारहवां आयोजन डोंगरगांव में 2019 व 2020 को हुआ। लोक मंड़ई का 12 वां आयोजन लाल बहादुर नगर में 2008 के बाद 12 साल के अंतराल में पुन: दूसरी बार आयोजन हुआ जिसका शुभारंभ छत्तीसगढ के भूपेश बघेल ने किया, इस आयोजन में जिले के शहीद परिवारों का सम्मान किया गया। कारोना काल के एक साल के अंतराल के बाद लोक मंड़ई का 13 वां आयोजन एक बार फिर विधानसभा मुख्यालय डोंगरगांव में 11,12 व 13 फरवरी 2023 को हाने जा रहा है।