भोरमेदेव महोत्सव में होगा छत्तीसगढ़ी, भारतीय कला संस्कृति और बॉलीवुड सिंगरों का संगम

भोरमेदेव महोत्सव में होगा छत्तीसगढ़ी, भारतीय कला संस्कृति और बॉलीवुड सिंगरों का संगम

कबीरधाम जिले के प्रमुख मंदिरों के पूजारियों की विशेष उपस्थिति में होगा भोरमदेव महोत्सव का शुभारंभ

कवर्धा(अमर छत्तीसगढ़), 17 मार्च 2023। छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक, पुरात्तविक, धार्मिक, पर्यटन और जन आस्था का केन्द्र के नाम से आयोजन होने वाले भोरमदेव महोत्सव की तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। भोरमदेव महोत्सव का आयोजन 19 एवं 20 मार्च दो दिन का होगा। इस दो दिवसीय महोत्सव के मंच में छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति की छंटा देखेंगी साथ ही साथ बॉलीवुड के उभरते सिंगर भी अपनी कला की शानदार प्रस्तुति देंगे। इस वर्ष भी कबीरधाम जिले के प्रमुख मंदिरों के पुजारियों की विशेष उपस्थिति में भोरमदेव महोत्सव का शुभारंभ होगा।

कलेक्टर जनमेजय महोबे आयोजन की तैयारियों के लिए अपनी पूरी प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ जुटे हुए है। भोरमदेव महोत्सव के दो दिनों तक होने वाले मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की तैयारियों के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इन दो दिनो में मंदिर में शिव जी की विशेष श्रृंगार, भस्म आरती और रूद्राभिषेक होगे। प्राचीन सरोवर में दीप दान भी होंगे।


भोरमदेव महोत्सव के पहले दिन 19 मार्च को बैगा नृत्य मोहतु बैगा एवं साथी ग्राम बारपानी बोड़ला, जिले के स्कूली बच्चों का कार्यक्रम, रजउ साहू जरहा नवागांव बोड़ला छत्तीसगढ़ी लोक संगीत, श्रीमती पूर्णश्री राउत रायपुर ओडिसी नृत्य, श्रीमती ऋतु वर्मा भिलाई पंडवानी, जाकिर हुसैन कोरबा सुगम संगीत बॉलीवुड फेम और सुनील तिवारी रायपुर छत्तीसगढ़ी लोक गीत मुख्य आकर्षक के केन्द्र होंगे।

वही दूसरे दिन 20 मार्च को समापन आयोजन में जिले के स्कूली बच्चों का कार्यक्रम, डॉ. नीता राजेन्द्र सिंह खैरागढ़ कत्थक नृत्य, गुरूदास मानिकपुरी बोड़ला छत्तीसगढ़ी लोक संगीत, सुश्री अंशिका चौहान भाटापारा सुगम संगीत, पंडित गोलू दिवाना दुल्लापुर कवर्धा लोक संगीत, सुश्री इशिता विश्वकर्मा एवं ग्रुप मुम्बई सारेगामापा विजेता वॉलीवुड फेम सिंगर और श्रीमती अल्का चंद्राकर रायपुर छत्तीसगढ़ी लोकगीत की महफिल से महोत्सव का मंच सजेंगा।

जिले के प्रमुख मंदिरों के पुजारी विशेष अतिथियों के रूप में महोत्सव में होंगे शामिल

भोरमदेव महोत्सव में प्रथम एवं द्वितीय दिन के लिए जिले के प्रमुख अलग-अलग मंदिर के पुजारियों को विशेष अतिथि बनाया गया है। प्रथम दिन 19 मार्च को भोरमदेव महोत्सव में विशेष अतिथि के रूप में बुढ़ा महादेव मंदिर के पुजारी श्री मनहरण दुबे, मां दन्तेश्वरी मंदिर के पुजारी श्री अजय राजपूत, मां चण्डी मंदिर के पुजारी श्री तिहारी चन्द्रवंशी, श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर के पुजारी श्री चन्द्रकिरण तिवारी, ग्राम कामठी पंण्डरिया के श्री परसराम मरकाम और ग्राम भुरसीपकरी बोड़ला के श्री लमतू सिंह बगदरिया होंगे।
भोरमेदव महोत्सव के द्वितीय दिन समापन समारोह के विशेष अतिथि के रूप में मां महामाया मंदिर के पुजारी अमित दुबे, मां सिंहवाहिनी मंदिर के पुजारी श्री अजय सिंह ठाकुर, मां काली मंदिर पुजारी श्री शंकर पाण्डेय, श्री राम मंदिर बोडला के पुजारी श्री हरि पाठक, मां महामाया मंदिर पंडरिया के पुजारी श्री प्रयास पाठक, चरणतीथ बोड़ला श्री नन्दूलाल और ग्राम भैंसाडबरी पंडरिया श्री बड्डूलाल सड़िया शामिल होगे।
भोरमदेव महोत्सव में मंदिर में विशेष पुजा-अनुष्ठान, श्रृंगार और भस्म आरती

भोरमदेव मंदिर के प्रधान पुजारी अशीष पाठक ने बताया कि भोरमेदव मंदिर में प्रत्येक वर्ष होली के बाद तेरस और चौदस को बाबा भोरमदेव शिव जी के लिए विशेष दिन रहता है। प्राचीन काल से इन तिथियों के दिन मंदिर में विशेष अनुष्ठान और दिव्य श्रृंगार सहित अनेक धार्मिक अनुष्ठान होते है। यहां प्राचीन काल से मंदिर के समीप स्थानीय मेला का आयोजन भी होते आया है, जो समय के साथ-साथ स्थानीय मेला अब महोत्सव का स्वरूप ले लिया है। इन दो दिनो में मंदिर में बाबा भोरमदेव शिव जी का विशेष विशेष अनुष्ठान और दिव्य श्रृंगार सहित अनेक धार्मिक अनुष्ठान होते है। प्रात काल बाबा भोरमदेव का महाअभिषेक, एक हजार नामों से सहर्षाचन,रूद्राभिषेक, विशेष श्रृंगार आरती होती है। दूसरे पहर शायम काल में सहत्रधारा से महाभिषेक,श्रृंगार महाआरती-भस्म आरती, शिव सरोवर के सामने भगवान वरूण देव का पूजन, दीपदान गंगाआरती की जाती है। इस उत्सव में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालुओं को आगमन होता है। कोई पर्यटक के रूप में शामिल होते है तो कोई श्रद्धालु के रूप में।

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