प्राचार्य पद पर पदोन्नति के लिये छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के द्वारा “प्राचार्य पदोन्नति मोर हक़ – मोर अधिकार अभियान” का किया शुभारंभ

प्राचार्य पद पर पदोन्नति के लिये छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के द्वारा “प्राचार्य पदोन्नति मोर हक़ – मोर अधिकार अभियान” का किया शुभारंभ

बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ)/ छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश में वर्षों से रुकी हुई प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जल्द से जल्द जारी करवाने शासन से पुरजोर माँग की जा रही हैं। इस कड़ी में 7 अप्रैल को बिलासपुर में “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के मुख्य संयोजक सतीश प्रकाश सिंह द्वारा “प्राचार्य पदोन्नति मोर हक़- मोर अधिकार अभियान” की शुरुआत की गई हैं। अभियान के तहत 7 अप्रैल को छत्तीसगढ़ शासन की संसदीय सचिव डॉ.रश्मि आशीष सिंह को प्रतिनिधिमंडल द्वारा ज्ञापन सौंप कर नए शिक्षा सत्र 16 जून 2023 के पूर्व प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करवाने की माँग की।

संसदीय सचिव एवं विधायक तखतपुर डॉ. रश्मि आशीष सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वें शीघ्र ही मुख्यमंत्री जी एवं शिक्षा मंत्री जी से चर्चा करेंगी। संसदीय सचिव ने आश्वासन दिया कि प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जल्द से जल्द जारी कराने उचित पहल की जावेगी। छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल में मुख्य संयोजक सतीश प्रकाश सिंह, संजय कुमार दुबे, संतोष कुमार टंडन, अनूप कुमार कौशिक, प्रदीप कुमार विनायक, एस के चिंचोलकर, पी के साहू, एस एन शिव, प्रवीण कुमार गुप्ता, रूप चंद जांगडे, प्रदीप बंजारे आदि व्याख्याता एवं प्रधान पाठक उपस्थित थे।

संसदीय सचिव डॉ. रश्मि आशीष सिंह से भेंट-मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के मुख्य संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव को बताया कि राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत “टी” संवर्ग में वर्ष 2013 से तथा “ई” संवर्ग में वर्ष 2016 के बाद से हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं की गईं हैं । राज्य में तीन हजार से अधिक स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं। वर्षो से प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं होने से “टी” तथा “ई” संवर्ग के सैकड़ों नियमित व्याख्याता तथा नियमित प्रधान पाठक सेवानिवृत्त हो गए हैं। आगामी तीन माह के भीतर अनेको व्याख्याता और प्रधान पाठक सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

प्राचार्य पद पर पदोन्नति का रास्ता देखते-देखते अनेकों व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों की मृत्यु हो गईं हैं। प्रदेश के वरिष्ठ व्याख्याता तथा वरिष्ठ प्रधान पाठक वर्तमान में प्राचार्य पद का वेतन पा रहें हैं, शासन द्वारा इन्हें प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने से शासन को किसी भी प्रकार का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। मुख्य संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने प्रदेश में कई वर्षों से बाधित रही प्राचार्य पदोन्नति की विभागीय प्रकिया को शीघ्र प्रारंभ कर हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य के रिक्त सभी पदो पर नये शिक्षा सत्र 16 जून के पूर्व प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करवाने के लिये संसदीय सचिव से त्वरित पहल करने की माँग की।

श्री सिंह ने बताया कि, छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के द्वारा प्रदेश में 7 अप्रैल से 27 अप्रैल तक “प्राचार्य पदोन्नति मोर हक़ – मोर अधिकार अभियान” की शुरुआत की गई हैं, अभियान के अंतर्गत सभी ज़िले में मंत्रीगणों, संसदीय सचिव, विधायकगणों , निगम-आयोग-मंडलों, प्राधिकरण के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष,सदस्यों तथा जनप्रतिनिधियों को शासन द्वारा प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जल्द से जल्द जारी करवाने समस्त नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा ज्ञापन सौंपा जाएगा।

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