650 साल पुराना दादा गुरुदेव का पदचिन्ह जीरावला पार्श्वनाथ मंदिर में स्थापित ….. 1008 किलो चांदी से बनेगा दादा का दरबार

650 साल पुराना दादा गुरुदेव का पदचिन्ह जीरावला पार्श्वनाथ मंदिर में स्थापित ….. 1008 किलो चांदी से बनेगा दादा का दरबार


रायपुर(अमर छत्तीसगढ़)। जैन समाज के तीसरे दादा गुरुदेव जिनकुशल सूरी के पद चिन्ह जीरावला पार्श्वनाथ मंदिर, खैरागढ़ में विधी-विधान से पूजा-अर्चना कर स्थापित किए गए। अब खैरागढ़ के मनोहर गोशाला में स्थित जीरावला पार्श्वनाथ धाम में दादा गुरूदेव के पद चिन्हों के दर्शन किए जा सकते हैं। जीरावला पार्श्वनाथ मंदिर व मनोहर गोशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी अ​खिल जैन (पदम डाकलिया) ने बताया, दादा के पदचिन्हों की स्थापना अक्षय तृतीया के दिन की गई। इस दौरान दादा का नया मंदिर बनाने की योजना भी शुरू की गई है। दादा के मंदिर निर्माण को 1008 किलो चांदी से करने की ट्रस्ट की भावना है।
उल्लेखनीय है कि करीबन 650 साल पहले रेत पर बनाए गए इन पदचिन्हों को गुजरात के अहमदाबाद से यहां लाया गया है। 23 अप्रैल को इन्हें खैरागढ़ लाया गया।

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