परिवार परामर्श केंद्र पति- पत्नी के सामान्य नोकझोंक एवं नशे की लत से टूट रहे परिवार को सफलता पूर्वक सुलह करा बचाने का प्रयास कर रही है….. 47 पति पत्नी को एकजुट करने में सफलता हासिल की

परिवार परामर्श केंद्र पति- पत्नी के सामान्य नोकझोंक एवं नशे की लत से टूट रहे परिवार को सफलता पूर्वक सुलह करा बचाने का प्रयास कर रही है….. 47 पति पत्नी को एकजुट करने में सफलता हासिल की

बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ़) महिला थाना महिला संबंधित अपराधों में कार्यवाही के साथ ही अपने परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से पति- पत्नी के सामान्य मामलों में सफलतापूर्वक सुलह करा परिवार को बचा रहा।

नशे से टूट रहे परिवारों को पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह द्वारा शुरू किए गए निजात अभियान तहत नशा छोड़ने हेतु बोला गया। कई प्रकरण में शराब से दूरी बना लेने पर समझौता हो परिवार बिखरने से बच गया।

महिला थाना प्रभारी बिलासपुर भारती मरकाम ने बताया कि महिला थाना महिला संबंधित अपराधों में कड़ी कार्यवाही के साथ परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से पति- पत्नी के सामान्य मामलों में सफलतापूर्वक सुलह करा परिवार को बचा रहा है। इससे परिवार और विशेषकर उनके बच्चों को काफी राहत हो रही है। महिला थाना द्वारा पारिवारिक मामलों में वर्ष 2023 में अब तक 348 आवेदन में से 47 प्रकरण में पति- पत्नी में आपसी सहमति से समझौता हुए। वहीं 2022 में कुल 1616 प्रकरणों में 305 प्रकरणों में समझौता हुआ। कुछ प्रकरण की जानकारियां निम्न हैं।

प्रकरण 1.
आवेदिका निर्मला वैष्णव पति महेन्द्र वैष्णव निवासी कोटा जिला बिलासपुर की निवसी है।जो अपने पति महेन्द्र वैष्णव के खिलाफ महिला परिवार परामर्श केन्द्र में शिकायत दर्ज कराई है। जहां आवेदिका के आवेदन पर महिला परिवार परामर्श केन्द्र में काउसिलिंग में रखा गया था। दौरान काउसिलिंग में आवेदिका बताई कि आवेदिका की शादी 5 वर्ष पूर्व हो गया है। आवेदिका का पति शराब पीकर आवेदिका को मारपीट करता है।आये दिन छोटी-छोटी बातो को लेकर अनावेदक आवेदिका को लडाई झगडा करता है। आवेदिका अपने पति से परेशान होकर अपने मायके आ गई है।

आवेदिका अपने पति के खिलाफ आवेदन लगाई जहां थाना प्रभारी और काउसंलर के द्वारा अनावेदक पति को बुलाकर समझाया गया दोनों पक्षो की बातो को सुना गया तथा अनावेदक पति को समझाया गया। जहां अनावेदक द्धारा आगे से नशा नहीं करूंगा और एैसा गलती नही करुंगा अपनी पत्नी को अच्छे से रखना तथा लडाई झगडा नही करना लेख कराया गया है। दोनों पक्षो का समझौता मार्च में कराया गया है। आवेदिका और अनावेदक समझौता कराकर राजी खुशी अपने ससुराल चले गये। अप्रैल में आवेदिका अपने पति के साथ ससुराल से थाना उपस्थित आई और बताई कि आवेदिका अपने ससुराल में राजी खुशी से रह रही है। पति ,ससुराल वालो द्वारा किसी प्रकार की कोई परेशानी नही होना बताई।

प्रकरण 2.
आवेदिका सुधा कैशिक पति प्रमोद कौशिक निवासी दैजा थाना तखतपुर जिला बिलासपुर की निवासी है।जो अपने पति प्रमोद कौशिक के खिलाफ महिला परिवार परामर्श केन्द्र में शिकायत दर्ज कराई । जहां आवेदिका के आवेदन पर महिला परिवार परामर्श केन्द्र में काउसिलिंग में रखा गया था। दौरान काउसिलिंग में आवेदिका बताई कि अनावेदक पति शादी के बाद मुझे गांव छोडकर बिलासपुर आगया आवेदिका से मिलने गांव में नही जाता था आवेदिका कहना है कि उसके पति का किसी अन्य महिला से बात चीत होता है उसी महिला के नाम से पति आवेदिका से वाद विवाद करता है पति उसका ध्यान नही रखता है स्वास्थ खराब होने पर उसका ईलाज नही कराता है।अनावेदक पति का कहना है कि उसकी पत्नि कोई घरेलू काम नही करती है। दोनो पक्षो को बुलाकर समझाईश दिया गया है जिसमें दोनो पक्ष अपनी-अपनी गलती मान कर एक दुसरे के साथ रहने के लिए तैयार हुए दोनो पक्षो का समझौता मार्च में हुआ है। दोनो पक्ष राजी खुशी बताने थाना उप. आए बताए की दोनो पति पत्नि अच्छे से रह रहे है।

प्रकरण 3.
आवेदिका आंकाक्षा सोनवानी पति रूद्र सोनवानी निवासी ग्राम परहदा थाना जरहागांव जिला मुगेंली छ0ग0 की निवासी है। जिसकी शादी ढाई वर्ष पूर्व हुआ है। जिनके दाम्पत्य जीवन में 8 माह का बेटा है।आवेदिका अपने पति एंव ससुराल वालो के खिलाफ परिवार परामर्श केन्द्र बिलासपुर में आवेदन लगाई। जहां आवेदिका के शिकायत पर परिवार परामर्श केन्द्र में काउसिंलिंग कराया गया। आवेदिका के पति आवेदिका और बच्चे का कोई जवाबदारी नही नही उठा रहा था। आवेदिका के ससुराल वाले आवेदिका को घरेलू बात के लिए आये दिन लडाई झगडा करते थे। आवेदिका अपने पति के साथ रहना चाहती है पर अनावेदक पति आवेदिका को रखने से मना कर दिया था।जिसपर आवेदिका और अनावेदक को परिवार परामर्श केन्द्र में थाना प्रभारी एंव काउसंलर द्वारा दोनो पक्षंो को समझाया गया। जिसपर अनावेदक द्वारा अपनी पत्नी और बच्चे का जवाबदारी लेना नौकरी करना और साथ में रखना काउसिलिंग में लिखाया गया है। दोनों पक्षो का समझौता अप्रैल में कराया गया है। आवेदिका और अनावेदक समझौता कराकर राजी खुशी अपने ससुराल चले गये।

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