“मम्मा सम बने पवित्रता का तेजोमय सूर्य” 21 दिवसीय तपस्या कार्यक्रम की शुरुआत…

“मम्मा सम बने पवित्रता का तेजोमय सूर्य” 21 दिवसीय तपस्या कार्यक्रम की शुरुआत…

हमें थोड़ी सी भी चोट लगने पर दर्द होता है उसी प्रकार चाहे इंसान हो या जानवर सबको दर्द होता है…..

(तनाव मुक्ति शिविर एक नई उड़ान का छठवां दिन)

भिलाई(अमर छत्तीसगढ़) 4जून 2023:- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका  मातेश्वरी जगदंबा जी की 24 जून पुण्य स्मृति दिवस के उपलक्ष में जून माह को तपस्या मास “मम्मा सम बने पवित्रता का तेजोमय सूर्य” 21 दिवसीय तपस्या कार्यक्रम की शुरुआत भिलाई दुर्ग सहित पूरे इंदौर जोन (छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मध्य प्रदेश राजस्थान के सेवाकेंद्र) में प्रातः राजयोग सत्र के पश्चात प्रारंभ हुआ। भिलाई स्थित अंतरदिशा  भवन के पीस ऑडिटोरियम में  बिलासपुर से पधारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी, भिलाई सेवाकेंद्रों की निदेशिका  ब्रह्माकुमारी आशा दीदी,सहित सभी मुख्य ब्रह्माकुमारी बहनों ने दीप प्रज्वलन कर तपस्या कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।
तपस्या कार्यक्रम 21 दिन तक चलेगा जिसमें सभी को स्व परिवर्तन का सप्ताहिक चार्ट  दिया गया।
जिसमें सभी सप्ताह में 1 दिन मौन में रहकर स्व चिंतन कर अपने में परिवर्तन लाएंगे जिसके पहले सप्ताह में है “बुद्धि की शुद्धता द्वारा श्रेष्ठ भावना” का अभ्यास करेंगे।

वही रामनगर मुक्तिधाम स्कूल में चल रहे हैं तनाव मुक्ति शिविर एक नई उड़ान के छठवें दिन मंजू दीदी ने अशुद्ध भोजन से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा कि जैसा अन्न वैसा मन।
 हमको थोड़ी सी भी चोट लगने पर दर्द होता है उसी प्रकार चाहे इंसान हो या जानवर सबको दर्द होता है जहां मुर्दे को दफनाया जलाया जाता है उसे श्मशान कहते हैं तो जिस रसोईघर में जानवरों को पकाया जाता है वह भी शमशान के समान है इसीलिए शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण करके तनाव मुक्त जीवन जिया जा सकता है।

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