दुर्ग (अमर छत्तीसगढ़) 4 जून।
तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ प्रभु की तपोभूमि, श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा आज प्रातः प. पू. गणाधीश पंन्यास प्रवर श्री विनयकुशल मुनि जी म. सा. एवं दीर्घ उग्र तपस्वी मुनिप्रवर प. पू. विरागमुनि जी म.सा. आदि ठाणा 4 गुरुभगवंतों का पदार्पण हुआ।
उल्लेखनीय है कि प. पू. श्री विरागमुनि जी म. सा. का आज 141 वाँ उपवास है इसके बावजूद भी भीषण गर्मी में प्रतिदिन पैदल विहार, साधु भगवंतों के लिए गोचरी, दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं को प्रवचन के माध्यम से धर्मलाभ का संदेश दे रहे हैं। तपस्वी मुनि भगवंत के मुखमंडल में तेज है और तेजस्वी सौम्य मुस्कान के साथ शातापूर्वक वे बालाघाट चातुर्मासार्थ विहार क्रम में हैं।
पूज्यवरों के तीर्थ पदार्पण अवसर पर तीर्थ में विराजित प. पू. साध्वी श्री कनकप्रभा श्री जी म.सा. आदि ठाणा 6, प. पू. साध्वी श्री आत्मदर्शना श्री जी म.सा. आदि ठाणा 3 ने ट्रस्ट मंडल एवं सैकड़ों श्रद्धालुओं सहित अगुवानी किए।
इस अवसर पर तीर्थ के अध्यक्ष श्री गजराज पगारिया, मैनेजिंग ट्रस्टी पुखराज दुगड़, ट्रस्टी भीखमचंद कोठारी, मूलचंद जैन, पन्नालाल गोलछा, पुखराज मुणोत, विजय चोपड़ा, सुरेश बागमार, राजेन्द्र गोलछा ने पूज्य गुरुभगवंतों को कांवली वोहराकर गुरुपूजन किए।
विहार सेवा ग्रुप दुर्ग, राजनांदगाँव, खैरागढ़ के युवाओं ने बढ़चढ़कर विहार सेवा का लाभ लिए । तीर्थ परिसर में आज दिनभर पूनम यात्रिक एवं श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा पूनम की विशेष आराधना तीर्थपति की सेवापूजा का आनंद के साथ तपस्वी गुरु भगवंतों को वंदन कर श्रद्धालु धन्यता का अनुभचव कर रहे थे।