दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना दिव्यांगजनों के सामाजिक पुनर्वास के लिए बनी संबल

दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना दिव्यांगजनों के सामाजिक पुनर्वास के लिए बनी संबल

– दिव्यांगजन दम्पत्ति नम्मूराम-प्रीति एवं नरेन्द्र-शशि को मिली 1 लाख रूपए की आर्थिक सहायता

राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 09 जून 2023। शासन की दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना दिव्यांगजन व्यक्तियों के सामाजिक पुनर्वास की दिशा में कारगर साबित हो रही है। जिससे उन्हें जीने का संबल मिला है। समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजन व्यक्तियों के सामाजिक पुनर्वास एवं उन्हें जीविकोपार्जन में प्रारंभिक सहायता देने के लिए दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना संचालित की जा रही है। योजनांतर्गत दिव्यांग विवाहित जोड़े में एक व्यक्ति दिव्यांग होने पर 50 हजार रूपए तथा वर-वधू दोनों दिव्यांग होने पर 1 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है।
विकासखंड छुरिया के ग्राम नरेटीटोला के नम्मूराम कंवर को वित्तीय वर्ष 2021-22 को दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना से लाभान्वित किया गया है। दिव्यांग दम्पत्ति श्री नम्मूराम कंवर अस्थिबाधित दिव्यांग 85 प्रतिशत एवं श्रीमती प्रीति चंद्रवंशी अस्थिबाधित 70 प्रतिशत दिव्यांग है। दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत दोनों दिव्यांग होने पर 1 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई है। लाभान्वित राशि का उपयोग करते हुए उन्होंने टेलर दुकान खोल ली है। दोनों का पारिवारिक जीवन खुशहाल है। वे किसी भी प्रकार से अन्य पर आश्रित न रहते हुए सफलतापूर्वक दाम्पत्य जीवन सुखमय रूप से व्यतीत कर रहे हैं। इसी तरह राजनांदगांव विकासखंड के बजरंगपुर-नवागांव निवासी श्री नरेन्द्र देवदास को वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना से लाभान्वित किया गया है। श्री नरेन्द्र देवदास 40 प्रतिशत एवं उनकी पत्नी श्रीमती शशि देवदास 45 प्रतिशत दोनों अस्थिबाधित दिव्यांग है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह द्वारा दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत दिव्यांग दम्पत्ति श्री नरेन्द्र देवदास एवं उनकी पत्नी श्रीमती शशि देवदास को 1 लाख रूपए सहायता राशि का चेक प्रदाय कर योजना से लाभान्वित किया गया है। योजनांतर्गत लाभान्वित राशि से श्रीमती शशि देवदास द्वारा सिलाई-कढ़ाई का कार्य किया जा रहा है तथा श्री नरेन्द्र देवदास द्वारा अभिलाषा दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ शिक्षण सह पुनर्वास केन्द्र राजनांदगांव में अस्थिबाधित शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हंै। इस प्रकार दोनों अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

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