दुर्ग (अमर छत्तीसगढ़) 8 जुलाई।
राग छोड़ने से वितराग प्राप्त होता है राग और द्वेष को मन के अंदर पालने के कारण आज हर जगह गंभीर बीमारियों से व्यक्ति अत्यधिक ग्रसित होते जा रहा है जब आप राग छोड़ते हैं तो वितराग से जुड़ने का मार्ग प्रशस्त होता है।
उक्त उद्गगार जय आनंद मधुकर रतन भवन की धर्म सभा को संबोधित करते हुए कठोर साधक संत श्री शीतल मुनि ने व्यक्त किये ।
पूज्य गुरुदेव श्री शीतल मुनि के सानिध्य में इस चातुर्मास में धर्म ध्यान त्याग तपस्या प्रारंभ हो गई है और सड़क बड़ी तपस्या गुप्त रूप से कर रहें हैं
आज जय आनंद मधुकर रतन भवन की धर्म सभा में श्री नीरज लुणावत श्रीमती युक्ति छत्तीसाबोहरा डॉक्टर निशा पारख ने आज सा उपवास की तपस्या का संकल्प आयुर्वेदिक धर्म सभा में लिया।
आज गुरुदेव के सानिध्य में पेसठिया यंत्र एवं नमस्कार महामंत्र जाप अनुष्ठान आध्यात्मिक वातावरण में नियमित चल रहा है इसके अलावा प्रतिदिन प्रतिक्रमण सवर एवं पोषध की साधना साधकों द्वारा चल रही है।
रविवार को 11 समायिक करने का आहवान
रविवार को 11 समायिक साधना करने का आह्वान किया है इस चातुर्मास में लोग स्वयं धर्म ध्यान एवं धार्मिक ज्ञान की ओर अपना मन लगाकर साधना कर रहें हैं
नवीन संचेती