(संजू जैन की रिपोर्ट )
अहिवारा/ बेमेतरा (अमर छत्तीसगढ) दुर्ग जिले के अहिवारा के बाफना परिवार की सुपुत्री मुमुक्षु सुश्री रोशनी बाफना के वरघोड़ा एवं अभिनंदन समारोह कार्यक्रम में प्रदेश के जैन समुदाय के आलावा सर्व समाज के हजारों कि तादात में इस मौके पर मुख्य रूप से छतीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल सुश्रीअनसुईया उईके , केंद्रीय मंत्री फगन सिंह, रेणुका सिंह, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहु, मंत्री गुरू रूद्र , नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक, वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, सांसद विजय बघेल, वर्तमान मंत्री, पूर्व मंत्री एवं विधायकों की उपस्थित थे ।
साजा क्षेत्र के पूर्व विधायक व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना की भतीजी एवं भाजपा नेता चंचल बाफना कि सुपुत्री मुमुक्षु रोशनी बाफना का अभिनंदन वरघोड़ा, शोभायात्रा नगर के दुर्गा चौक मैदान से भव्य हाथी घोड़ा पालकी, बैंड बाजे डीजे कि धुन पर नगर के चौक चौराहे में मिष्ठान, जुस, फलाहारी, बिस्किट का वितरण किया गया । वही शौभायात्रा में प्रदेश के गृहमंत्री, नेता प्रतिपक्ष सहित सर्व समाज के पदाधिकारी दशहरा मैदान पहुंचे वहां विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
अभिनंदन समारोह दशहरा मैदान के पास रखा गया था , जहां अतिथियों का संघ एवं बाफना परिवार द्वारा सम्मान एवं स्मृति चिंह से किया गया और नगर की दीक्षार्थी बेटी रौशनी बाफना को आशीर्वाद वचन केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्रीयों द्वारा दो शब्द बोले ।इस वरघोड़ा एवं अभिनंदन कार्यक्रम में उपस्थित रायपुर, दुर्ग, बालोद, राजनांदगांव, कवर्धा, बेमेतरा, धमधा,साजा , बीजा, परपोड़ी, देवकर, थानखम्हरिया सहित बहुत जगहों से जैन श्री संघ एवं सर्व समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ।
मुमुक्षु सुश्री रौशनी बाफना ….
स्कुल के दिनो मे साध्वी से मिली प्रेरणा एम.बी.ए की तैयारी के बीच बदला मन, अब मुमुक्षु रोशनी लेगी भगवती दीक्षा. 26 वर्षीय रोशनी बाफना राग से वैराग्य की ओर चल पड़ी है । वह आचार्य रामलाल जी मसा के मुखारविंद से 28 अक्टूबर को ब्यावर राजस्थान में भगवती दीक्षा लेगी । इसकी घोषणा रविवार को ब्यावर से ही हुई मुमुक्षु रोशनी को वैराग्य की प्रेरणा 2011 में स्कूल के दिनों से ही मिल चुकी थी। फिर धीरे-धीरे उनके सामने अनेक परिस्थितया आई जिसमे उनका संकल्प और दृढ़ होता चला गया । ग्रेजुएशन के बाद एम.बी.ए की तैयारी में जुटी मुमुक्षु रोशनी नेट की परीक्षा क्लियर कर बेंगलुरु में प्रवेश तक ले चुकी थी। फिर अचानक उन्होंने निर्णय लेते हुए भगवती दीक्षा की इच्छा जताई परिजनों की अनुमति के बाद अब वे दीक्षा की ओर बढ़ रही है ।
*संसार में हर वस्तु नश्वर हम चाहे तो भी इसे नहीं रोक सकते*
वर्ष 2011मैं कक्षा ग्यारहवीं में थी तब अहिवारा में चातुर्मास के दौरान साध्वी कल्याण कंवर मसा का सानिध्य मिला उनसे धर्म ध्यान की बातें सीखी-सीखा कि संसार से कोई कुछ लेकर नहीं जाता यदि मैं संयम पद पर जाती हूं तो उस अवस्था तक पहुंच सकती हूं कि मुझे मोक्ष मिले उसी समय से मैं वैराग्य का संकल्प ले चुकी थी । फिर 2013 तक मेरी दादी स्व.पतंग देवी बाफना जो कि 31 वर्षों से एकांतर वर्षी तप कर रही थी उनके सानिध्य में धर्म की ओर झुकाव और ज्यादा बढ़ा साल 2017 में मेरे पिता को हार्ट अटैक आया मैंने सोचा कि उनके लिए कुछ करना है। एम.बी.ए की तैयारी में जुट गई फिर मुझे साधु भगवंतो से शिक्षा मिली कि संसार में हर वस्तु नश्वर है. हम चाहे भी तो इसे नहीं रोक सकते मैंने निश्चय किया कि मुझे संयम पथ पर आगे बढ़ना ही है ।
*मुमुक्षु ने गुरुकुल में जिया साध्वी जीवन*
वैराग्य जीवन में प्रवेश के लिए नियम संयम की परीक्षा भी मुमुक्षु रोशनी ने दी उन्होंने जनवरी 2021 में बीकानेर गुरुकुल पहुंचकर पांच माह बिताये. वही पर तय हो गया कि अब उनकी दीक्षा का समय आ गया है.