गुजरात से पधारे विधिकारक एवं संगीतकार के द्वारा कोमाखान चातुर्मास में होगी 16 जुलाई को गिरनार महातीर्थ की भाव यात्रा

गुजरात से पधारे विधिकारक एवं संगीतकार के द्वारा कोमाखान चातुर्मास में होगी 16 जुलाई को गिरनार महातीर्थ की भाव यात्रा


महासमुंद(अमर छत्तीसगढ़) 15 जुलाई। जिले के ब्लाक बागबाहरा अंतर्गत नवनिर्मित तहसील कोमाखान में जैन समाज के द्वारा इस वर्ष चातुर्मास का भव्य आयोजन किया जा रहा है, जैन समाज कोमाखान के युवा एवं सक्रिय सदस्य नितिन जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि कोमाखान क्षेत्र के इतिहास में आयोजित यह प्रथम चातुर्मास अपने आप में अद्वितीय अनूठा एवं अनुपम है,क्षेत्र में आयोजित इस प्रथम चातुर्मास में छत्तीसगढ़ रत्न शिरोमणि महत्तरा पद विभूषित परम पूज्य गुरुवर्या मनोहर श्री जी म.सा. की सुशिष्या कोकिल कंठी साध्वी संघमित्रा श्री जी म.सा.आदि ठाणा 3 का सानिध्य प्राप्त हो रहा है।
चातुर्मास की कड़ी में रविवारिय विशेष आयोजन अंतर्गत कल गुजरात से पधारे भाई दिनेश शाह के सौजन्य से विधिकारक एवं ख्यातिप्राप्त विद्वान भाई दीपक कोठारी एवं संगीतकार भाई निकेश देठिया के द्वारा 16 जुलाई रविवार को जैन धर्म में अतिविशिष्ट महत्त्व रखने वाले गिरनार महातीर्थ की भावयात्रा कराई जाएगी,इस भावयात्रा में गिरनार महातीर्थ की विशेषताओं का वर्णन करते हुए विधिकारक एवं संगीतकार के द्वारा संगीतमयी भावभरी प्रस्तुति दी जाएगी, उसके पश्चात दोपहर 2:30 से 4 तक भगवान महावीर के दिव्य सिद्धांत विषय पर उनके द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा तथा रात्रि 8 बजे से जैन मंदिर प्रांगण में भक्ति संध्या का आयोजन किया जाएगा।
इस अनोखे कार्यक्रम में भाग लेने हेतु महासमुंद,बागबाहरा
,खरियार रोड,राजिम,फिंगेश्वर,धरमबांधा,गरियाबंद,सहसपुर लोहारा,छुरा, गरियाबंद,रायपुर आदि स्थानों से बड़ी संख्या में जैन मतावलंबियों के पहुंचेंने की संभावना है,चातुर्मास की कड़ी में प्रातः 6 से 7 बजे तक पुरुष वर्ग हेतु स्वाध्याय की कक्षा,प्रातः 8:30 से 10 बजे तक प्रवचन,दोपहर 2.30 से लेकर 4 तक महिलाओं की धार्मिक कक्षा एवं संध्या काल में प्रतिक्रमण तथा उसके पश्चात बालक बालिकाओं की पाठशाला संपन्न होती है,दैनिक प्रवचन में जैन समाज के अलावा अन्य समाज के धर्म प्रेमी महानुभाव भी प्रवचन में बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं,साध्वी संघमित्रा के द्वारा धर्म एवं अध्यात्म के विषयों पर प्रकाश डालते हुए जीवन जीने की कला आदि विषयों पर दैनिक रूप से ह्रदय स्पर्शी व्याख्यान दिए जा रहे हैं। साध्वी जी की प्रेरणा से बड़ी संख्या में जैन समाज कोमाखान के महिला,पुरुष एवं युवाओं के द्वारा सिद्धि तप ,45 आगम तप,14 पूर्वी तप,अठाई तप,उपवास,एकासना,ब्यासना आदि तप किए जा रहे हैं।


जैन समाज कोमाखान के द्वारा बाहर से आने वाले अतिथियों के लिए दैनिक रूप से ढहरने एवं भोजन की उत्तम व्यवस्था का प्रबंध किया गया है।
आगामी चौबीसी के 24 तीर्थंकरों की निर्माण भूमि एवं विश्व की सबसे प्राचीन नेमिनाथ भगवान की प्रतिमा के रूप में पहचान रखने वाली गिरनार महातीर्थ की भाव यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने हेतु जैन समाज कोमाखान के द्वारा सोशल एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से अपील की गई है।

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