राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 22 जुलाई। छत्तीसगढ़ विधान सभा मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को राजनांदगांव जिले में दिए गए कराते प्रशिक्षण की पूरी विस्तृत जानकारी और दस्तावेज प्रस्तुत किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सवाल के जवाब में स्कूल शिक्षा विभाग मंत्री रविन्द्र चौबे ने यह जानकारी सदन के पटल में प्रस्तुत किया है। इस जानकारी में बताया गया है कि सत्र 2022-23 में अविभाजित जिला राजनांदगांव को कुल 54.95 लाख रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण हेतु दिया गया था, जिसमें तीन संस्थाओं को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन स्कूलों के द्वारा किसी भी प्रशिक्षक के खाते में रकम हस्तांतरण नहीं किया गया है।
इस जानकारी पर छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन ने सवाल उठाया है, क्योंकि राज्य परियोजना कार्यालय, रायपुर द्वारा जारी दिशा-निर्देश दिनांक 17 अगस्त 2022 की कंडिका 9 में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि, राशि का भुगतान संबंधित प्रशिक्षक को उनके कार्य दिवस के अनुसार पीएफएमएस के माध्यम से स्कूलों द्वारा किया जाएगा।
एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि, राज्य परियोजना कार्यालय के दिशा-निर्देश को बाईपास कर स्कूलों के द्वारा जिन-जिन लोगों के खातों में रकम हस्तांतरण किया गया है, उसकी जांच होनी चाहिए और हम विगत छह माह से जांच की मांग कर रहे है, लेकिन जिले के जिम्मेदार अधिकारी जांच कराने मे कतरा रहे है, क्योंकि इस योजना में व्यापक स्तर पर शासकीय राशि का गबन हुआ है।
शिकायतकर्ता छोटेलाल सेन का भी कहना है कि, उनके द्वारा पुलिस को यह बताया है कि उनके द्वारा 25 शासकीय स्कूलों में बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया था, लेकिन राशि उनके खाते में हस्तांतरित ना कर उसे आदिल खान के खाते में हस्तांतरण कर दिया गया जो राज्य परियोजना कार्यालय के दिशा-निर्देश का उल्लंघन है और यह शासकीय राशि का गबन का मामला बनता है। केंद्र सरकार से प्राप्त आंबटन में हुई गड़बड़ी पर जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी क्यों जांच नहीं कराना चाहते है, यह समझ से परे है।
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