“राज्य स्तरीय महापंचायत” में जुटेंगे प्रदेश के हजारों नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक – सतीश प्रकाश सिंह
रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 30 जुलाई/”छत्तीसगढ़ प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत 11 वर्षों से रुकी हुई प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करवाने के लिए पूरे प्रदेश से हज़ारों नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक लामबंद होकर “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के आह्वान पर दिनांक 20 अगस्त 2023 को राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय व्याख्याता-प्रधान पाठक महापंचायत” (State Level Lecturers- Head Master’s Maha Panchayat -2023) का शांतिपूर्ण आयोजन कर रहें हैं। दिनाँक 30 जुलाई 2023 को “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” की संपन्न हुई राज्य स्तरीय बैठक में आगामी 20 अगस्त 2023 को प्रदेश के सभी नियमित व्याख्याता तथा नियमित प्रधान पाठकों का प्राचार्य पदोन्नति के लिए अपनी एकजुटता को प्रदर्शित करने के लिए “राज्य स्तरीय व्याख्याता-प्रधान पाठक महापंचायत” (State Level Lecturers – Head Master’s Maha Panchayat- -2023) कार्यक्रम का आयोजन राजधानी रायपुर में किए जाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया हैं।
इस संबंध में “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने बताया कि प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत विगत 11 वर्षों से प्राचार्य पदोन्नति नहीं हुई हैं। प्रदेश के 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल- हायर सेकंडरी स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं। इन स्कूलों में पूर्णकालिक प्राचार्य के नहीं होने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था तथा शिक्षा की गुणवत्ता बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने बताया कि नियमित व्याख्याता-प्रधान पाठकों की राज्य स्तरीय महापंचायत ( State Level Lecturer’s- Head Master’s Maha Panchayat–2023) में प्रदेश के सभी ज़िले से हज़ारों नियमित व्याख्याता तथा नियमित प्रधान पाठक माध्यमिक शाला सम्मिलित होकर प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करवाने के लिए एकजुट होकर संकल्प लेंगे तथा शासन से चुनाव आचार संहिता लागू होने के पूर्व प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करवाने के लिए राज्य स्तरीय व्याख्याता-प्रधान पाठक महापंचायत में “एक सूत्रीय प्राचार्य पदोन्नति का प्रस्ताव” पारित कर प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, तथा संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ रायपुर को मांगपत्र प्रेषित करेंगे।
“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने बताया कि राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत “टी” संवर्ग में वर्ष 2013 से तथा “ई” संवर्ग में वर्ष 2016 के बाद से हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं की गईं हैं । राज्य में 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों में वर्षों से प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं। स्कूल शिक्षा विभाग में 11 वर्षो से प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं होने से “टी” तथा “ई” संवर्ग के सैकड़ों नियमित व्याख्याता तथा नियमित प्रधान पाठक सेवानिवृत्त हो गए हैं। प्राचार्य पद पर पदोन्नति का रास्ता देखते-देखते अनेकों व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों की मृत्यु हो गईं हैं। प्रत्येक माह लगातार अनेक वरिष्ठ व्याख्याता और प्रधान पाठक माध्यमिक शाला प्राचार्य पदोन्नति का रास्ता देखते- देखते सेवानिवृत होते जा रहे हैं। प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने “राज्य स्तरीय व्याख्याता-प्रधान पाठक महापंचायत” के आयोजन के उद्देश्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में विगत कई वर्षों से बाधित रही प्राचार्य पदोन्नति की विभागीय प्रकिया को तेजी से पूर्ण कर 3266 से अधिक हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य के रिक्त सभी पदों पर पात्रता रखने वाले नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों से शीघ्र प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करने की प्रबल माँग की गई हैं। श्री सिंह ने बताया कि, प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने से शासन को कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आयेगा , क्योंकि पदोन्नति प्राप्त करने वाले सभी नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक वर्तमान में प्राचार्य पद का ही वेतन और पे स्केल प्राप्त कर रहें हैं। प्रदेश के इन वरिष्ठ व्याख्याता और प्रधान पाठकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति मिलने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में समुचित सुधार आयेगा, क्योंकि प्रदेश के 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में वर्षों से प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं , जहाँ पूर्णकालिक प्राचार्य के नहीं होने से केवल प्रभारियों के भरोसे से संचालित हो रहें इन स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने शासन से अपात्र लोगों का प्राचार्य पदोन्नति नहीं करने तथा केवल नियमानुसार पात्रता रखने वाले नियमित व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों से प्राचार्य के 3266 से अधिक रिक्त सभी पदों पर शीघ्र प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करने की प्रबल मांग की गई हैं।