मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात का इंतजार,कहा-वेयर हाऊस के कर्मचारियों की अवहेलना

मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात का इंतजार,कहा-वेयर हाऊस के कर्मचारियों की अवहेलना


राजनांंदगांव (अमर छत्तीसगढ़) 4 अगस्त। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात का असर ग्रामीण क्षेत्रों एवं संविदा अनियमित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सूध ले रहे है। वर्षों से वेयर हाउस में कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों को भी इसका इंतजार है। छत्तीसगढ़ सरकार ने जहां शास कीय कर्मचारियों, पेंशनरों, और संविदा कर्मचारियों के लिये जहां अपनी उदारता के खजाने खोल दिये हैं वहीं वेयर हाउस के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के साथ भरपूर ना इंसाफी की है। बीस प‘चीस वर्षों से कलेक्टर रेट पर नाम मात्र के वेतन पर वेयर हाउस के में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया । आश्चर्य तो ये भी है कि अकुशल, अर्ध कुशल और कुशल मजदूरों के ग्रेड में डाटा रिपोर्टर पी जी डी सी ए टेकनीशियन को भी इसी ग्रेड में रखा गया है । जबकि राइस मिल से आने वाले अनाज का पूरी जिम्मेदारी से भंडारण करना, फिर उसी अनाज को कड़ी मेहनत के साथ आस पास की राशन दुकानों में पूरी सतर्कता से भेजने का काम करना बहुत बड़ी बात है ।
सोचा जाए तो स्कूलों, कलेकटरेट, न्यायालय में मात्र दरवाजे पर खड़े रहने वाले चपरासी को बीस से तीस हज़ार तक वेतन मिलता है , मगर वेयर हाउस के कर्मचारियों को बीस प‘चीस वर्षों से मात्र आठ दस हजार ही मिलता आ है । उदार हृदय, छत्तीस गढ़ के मुख्य मंत्री माननीय भूपेश बघेल जी से अपेक्षा है कि वेयर हाउस के कर्मचारियों के साथ वर्षों से चले आ रही वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएं । जिस तरह संविदा कर्मियों के साथ इंसाफ किए गया है उसी तरह वेयर हाउस के कर्मचारियों के वेतन के संबंध ने भी ध्यान देने की कृपा करें । अंकरीब ही चुनाव का बिगुल बजने वाला है,। वेयर हाउस के दैनिक वेतन भोगियों की तरफ ध्यान दिया गया तो हों ने वाले चुनाव के नतीजों पर इस का असर पड़ेगा ही पड़ेगा ।

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