तप से आत्मा बनती है कुन्दन – ज्योतिप्रज्ञा

तप से आत्मा बनती है कुन्दन – ज्योतिप्रज्ञा

रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 6 अगस्त। सदर बाजार स्थित तेरापंथ अमोलक भवन में गतिमान धर्मगंगा में आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या समणी निर्देशिका डॉ. ज्योतिप्रज्ञा जी, समणी डॉ. मानसप्रज्ञा जी की प्रेरणा से निरंतर तपस्या प्रत्याखान का अच्छा क्रम गतिमान हो रहा है। आज दिनांक 06/08/2023 को तीन तपस्वीयों सुश्री कृतिका बैंगानी – 9, सुश्री महिमा जैन – 8, सुश्री निशी बोथरा – 8 का बहुमान किया गया।

बहुमान करने का अवसर तप प्रत्याखान लेकर अरुण सिपानी, तरुण नाहर, योगेश बाफना, सुश्री योगिता छाजेड़ ने लिया। आयोजन में विशेष रूप से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व जज गौतम चौरड़िया उपस्थित रहे। उन्होंने धर्मसंघ हमारा पर अपनी भावनाएं व्यक्त की। तेरापंथ किशोर मंडल ने एक उपयोगी गैजेट का निर्माण कर उसका प्रदर्शन समाजजनों के मध्य करते हुए रायपुर ज्ञानशाला को भेंट किया। तपस्वीयों को सुनीता बैंगानी, शीतल बोथरा, विमला बैंगानी, तमन्ना झाबक ने शुभकामनाएं व्यक्त व कन्या मंडल, बैंगानी परिवार ने मंगल तप गीत के माध्यम से आशीष दिया।

समणी डॉ. मानसप्रज्ञा जी ने तपस्वीयों का अभिनंदन करते हुए आत्मा का कल्याण करने वाला मार्ग पर बताया। समणी निर्देशिका डॉ. ज्योतिप्रज्ञा जी ने धर्मसभा को आत्मकल्याण हेतु संयम को जीवन में धारण करने तप को सबसे उच्च मार्ग बताया। तप करने से आत्मा कुंदन बन जाती है।

Chhattisgarh