राजजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़ 17 अगस्त। नगर के वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व मंत्री लीलाराम भोजवानी की बीती रात्रि रायपुर स्थित निजी चिकित्सालय में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रह थे। श्री भोजवानी अपने पीछे 4 पुत्र, 3 पुत्रियों सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। श्री भोजवानी के निधन पर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपनी शोक श्रद्धांजलि अर्पित की है। 82 वर्षीय श्री भोजवानी पत्रकार, श्रमिक नेता, पार्षद चुनाव, दो बार विधायक, सुंदरलाल पटवा के शासन में श्रम मंत्री रहे है। उनकी जूनिहटरी एक छोटी सी साकयल मरम्मत की दुकान भी थी। मृदु तथा सभी सरलता से मिलन सरिता के धनि श्री भोजवानी लगभग सभी क्षेत्रों समाज, संगठन इत्यादि संस्थआओं से भी सम्मानजनक ढंग से जुड़े रहे। राजनांदगांव के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के विधायक प्रतिनिधि भी रहे है।
कल रात्रि में श्री भोजवानी के निधन के पश्चात आज सुबह उनका पार्थिव शरीद का भी लोगों ने दर्शन किया श्रद्धांजलि अर्पित की। अंतिम यात्रा चौखडिय़ा पारा स्थित निवास से निकली। उनका पार्थिक शव जिला भाजपा कार्यालय में भी ले जाने के व्यवस्था रही है। इस बीच काफी बारिश राजनांदगांव में हो रही है। राजनीति के क्षेत्र में काका जी के नाम से श्री भोजवानी को श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ काफी रही। ग्रामीणों क्षेत्रों के साथ ही जिले के विभिन्न स्थानों प्रदेश के कई जिलों के पार्टीजन, कार्यकर्ता, परिजन भी आज पहुंचे। वरिष्ठ पत्रकार सी.एल. सोना ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। अंतिम संस्कार में सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, दिनेश गांधी, खुबचंद पारख, कोमल सिंह राजपूत, फनेन्द्र जैन सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी, प्रकोष्ठों के पदाधिकारी, सिंघी समाज के पदाधिकारी, समाजसेवी संस्थाओं के प्रमुख व वार्डवासी, निगम पार्षद, शासकीय सेवकों की भी उपस्थिति दिखी
लीलाराम भोजवानी राजनांदगांव शुरु से ही संघ विचारधारा के रहे और तत्कालीन समय में भाजपा के कद्दावर नेताओं में उनकी गिनती होती थी। लीलाराम भोजवानी लंबे समय तक रायपुर से प्रकाशित होने वाले नवभारत के राजनांदगांव जिले के ब्यूरो प्रमुख रहे। पत्रकारिता के प्रति भी उनका जज्बा देखते ही बनते था। बाद में उन्होने पत्रकारिता छोड़ राजनीति में भाजपा के साथ खड़े हुए। विधानसभा से दो बार विधायक रहे और एक बार वे अविभाजित मध्यप्रदेश के श्रम मंत्री भी रहे। एक बार वे कांग्रेस के प्रत्याशी उदय मुदलियार से मात्र 40 वोटों से हारे थे। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी देवव्रत सिंह से लोकसभा उपचुनाव में 10 हजार मतों से हारे थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष और खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के चैयरमेन का दायित्व भी सम्हाला।