रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 22 अगस्त।
हमारे किये कार्य अर्थात कर्म। कर्म जीवन को हर क्षण प्रभावित करता है अर्थात सुख-दुख। कर्म ही हसाता है कर्म ही रुलाता है कर्म बड़ा बलवान होता है। उक्त प्रेरणा पाथेय रायपुर तेरापंथ अमोलक भवन में गतिमान प्रवचन श्रृंखला में आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या समणी निर्देशिका डॉ. ज्योतिप्रज्ञा जी, समणी डॉ. मानसप्रज्ञा जी ने कही। आगे बताया जो हुआ अच्छा हुआ सभी परिस्थितियों में समभाव-अच्छाई की खोज व्यक्ति को महान तो बनाती ही है मोक्षदायिनी गंगा भी सिद्ध होती है अर्थात PIPO – Positive In Positive Out। समणी वृंद के सान्निध्य में आज दिनांक 22/08/2023 को श्री कमल ललवानी अपनी 15 की तपस्या पूर्ण करते हुए प्रत्याखान लेने पधारे।
तेरापंथ युवक परिषद् व श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा,रायपुर द्वारा तपस्वी को बधाते हुए सभा भवन में प्रवेश कराया गया साथ ही वीडियो के माध्यम से जीवनवृत्त खिंचने का प्रयास किया गया। समणी वृंद ने कहा कमल में जिस प्रकार कोई मात्रा नहीं होती उसी प्रकार तप में भी कोई मात्रा नहीं होती। ‘तप के कमल खिलाये तुमने तप है मंगलकारी…’ उक्त सुमधुर गीतिका के माध्यम से समणी वृंद ने तपस्वी को शुभकामनाएं दी। श्री कमल ललवानी के जेष्ठ भ्राता श्री कांतिलाल ललवानी के भी 8 की तपस्या सानंद गतिमान है। सुमधुर गीतिका के माध्यम से मनीष नाहर व श्रीमती पूनम ललवानी के साथ ही वीरेंद्र डागा ने विचारों के द्वारा शुभकामनाएं दी गई। तपस्वी का अभिनंदन तप के द्वार श्रीमती संध्या ललवानी व श्रीमती दीपशिखा बरलोटा ने किया।