आध्यात्म की गंगा का उद्गम ‘गुरु आनंद तीर्थ’ से रूबरू होगा रायपुर का सकल जैन समाज

आध्यात्म की गंगा का उद्गम ‘गुरु आनंद तीर्थ’ से रूबरू होगा रायपुर का सकल जैन समाज


रायपुर(अमर छत्तीसगढ़)। 20वीं सदी के युग पुरुष आचार्य आनंद ऋषि महाराज के आशीर्वाद से और गुरुदेव प्रवीण ऋषि की आंखों से देखा हुआ, भव्य जैन तीर्थ का एक सुनहरा सपना साकार होने के मार्ग पर अग्रसर है। आध्यात्म की गंगा का उद्गम स्थल गुरु आनंद तीर्थ का निर्माण हो रहा है। कहां बन रहा है यह अद्भुत तीर्थ स्थल? इस तीर्थ स्थल में ऐसी क्या ख़ास बात है? ऐसे कई प्रश्नों के उत्तर रविवार दोपहर 3 बजे लालगंगा पटवा भवन में लाइव प्रस्तुति के जरिये दिए जायेंगे। रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि गुरु आनंद तीर्थ से परिचय कराने के लिए गुरुदेव प्रवीण ऋषि के सानिथ्य में गुरु आनंद फाउंडेशन के संचालको के साथ 10 सितंबर को दोपहर 3 बजे लाल गंगा पटवा भवन मीटिंग आयोजित होगी। ललित पटवा ने सकल जैन समाज को इस मीटिंग में शामिल होने का आग्रह किया है।

उन्होंने बताया कि वर्धमान स्थानकवासी श्रमण संघ के दूसरे आचार्य राष्ट्र संत आनंद ऋषिजी महाराज की जन्म भूमि चिंचोड़ी (महाराष्ट्र ) में भव्य गुरु आनंद तीर्थ का निर्माण हो रहा है। और यह तीर्थ स्थल सकल जनों के लिए एक पावन तीर्थ भूमि बनने वाला है। यहां न तो कोई पूजा होगी, न कर्मकांड और न ही अंध श्रद्धा। यहां केवल मानव सेवा होगी। यह एक विराट पावन तीर्थ के रूप में आकर लेगा। आनंद तीर्थ में सृजन होगा श्रद्धा तीर्थ, संस्कार तीर्थ, सेवा तीर्थ, अमृत तीर्थ विद्या-कला तीर्थ और संविधान तीर्थ। यहाँ आकार, आचार और विचार से समन्वित व्यक्ति का जीवन ही तीर्थ बन जाएगा।

महाराष्ट्र राज्य में पुणे जिले के अम्बेगांव तालुका के गांव चिंचोड़ी में बन रहे आनंद तीर्थ के प्रथम सोपान पर 21 एकड़ में डेढ़ लाख वर्गफीट का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसमें गुरुचरण तीर्थ, धर्मसभा मंडल, साधु-साध्वी स्थानक, अतिथि गृह, भोजन शाला, कर्मचारी निवास, सड़क, बिजली-जल व्यवस्था आदि कार्य पूरे हो चुके हैं।

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