घर में नमस्कार का तीर्थ होना चाहिए, अहंकार का कोई ठिकाना नहीं है – प्रवीण ऋषि

घर में नमस्कार का तीर्थ होना चाहिए, अहंकार का कोई ठिकाना नहीं है – प्रवीण ऋषि


नवकार तीर्थ कलश अनुष्ठान का भव्य शुभारंभ

रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 2 अक्टूबर। उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने कहा कि आज का दिन बड़ा ही विशेष है। 1 अक्टूबर से नवकार तीर्थ कलश अनुष्ठान का शुभारंभ हो गया है। आज 24 घंटे का अखंड नवकार जाप चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह नमस्कार का अनुष्ठान है और घर में नमस्कार का तीर्थ होना चाहिए, अहंकार का कोई ठिकाना नहीं है घर में। नमस्कार का तीर्थ जब घर में रहता है तो केवल मंगल ही होता है, यह प्रभु की वाणी है। हर घर में नमस्कार करने का केंद्र होना चाहिए। और ये केंद्र बहुत महत्वपूर्ण है। उक्ताशय की जानकारी रायपुर श्रमण संघ की अध्यक्ष ललित पटवा ने दी है।

अपनी प्रवचन माला को आगे बढ़ाते हुए उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने धर्मसभा में कहा कि तेजो लेश्या में प्रवेश करने का पहला सूत्र है लो प्रोफाइल। भगवान महावीर जब साधनाकाल में रहते हैं और लोग उनसे पूछते हैं कि आप कौन हैं, तो वे यह नहीं कहते कि वे भावी तीर्थंकर हैं। वे यह नहीं कहते कि मैं राजा सिद्धार्थ का पुत्र हूं। वे कहते हैं कि मैं श्रमण हूं, साधु हूं। लेश्या की प्रवचन माला में उपाध्याय प्रवर आज तेजो लेश्या का वर्णन कर रहे थे।

धर्मसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब आपसे कोई आपका परिचय पूछता है तो आप क्या जवाब देते हैं? अगर आपको तेजो लेश्या में प्रवेश करना है तो इसमें प्रवेश के लिए पहला शब्द है लो प्रोफाइल। संभावना लो प्रोफाइल में ही रहती है। बीज लो प्रोफाइल है, पेड़-फल हाई प्रोफाइल हैं। आपको क्या पसंद है। तेजो लेश्या वाला व्यक्ति विनय में कुशल है। वो केवल विनीत नहीं है, नम्र नहीं है, उसमे मास्टर है। एक होते हैं विनयी, और एक होते हैं विनयी में निपुण। दोनों में बहुत अंतर है। जैसे लक्ष्मण विनयी हैं, लेकिन हनुमान विनयी में निपुण है। इसलिए रामभक्त के विषय में लक्ष्मण का नहीं हनुमान का जिक्र होता है। लक्ष्मण, भारत, शत्रुघ्न और विभीषण भी विनयी थे, लेकिन हनुमानजी इस कला में निपुण थे, इसलिए रामभक्त कहलाये। तेजो लेश्या की यहीं से शुरुआत होती है। तेजो लेश्या का पहला बीज है कि अगर आपको हाई क्वालिटी को होना है तो लो प्रोफाइल होना पड़ेगा। लेकिन आज के ज़माने में लो प्रोफाइल शब्द समझना मुश्किल है। आज तो कितना आप शो कर सकते हैं, इसका जमाना है। व्यक्ति अपने जीवन में भी शोऑफ में लगा है। लो प्रोफाइल रहना किसी को पसंद नहीं है। प्रभु कहते हैं कि लो प्रोफाइल से तेजो लेश्या शुरू होती है, और तेजो लेश्या पदम् लेश्या और शुक्ल लेश्या का बीज है।

नवकार तीर्थ कलश अनुष्ठान का भक्तिपूर्वक शुभारंभ
रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि आज से अर्हम विज्जा प्रणेता प्रवीण ऋषि आदि ठाणा-2 की पावन निश्रा में 1008 भव्य नवकार तीर्थ कलश अनुष्ठान का शुभारंभ हो गया है। आज सुबह नवकार महामंत्र का अखंड जाप शुरू हुआ। वहीं 2 अक्टूबर को प्रातः 7.30 से 9 बजे तक नवकार तीर्थ कलश अनुष्ठान संपन्न होगा। इस अनुष्ठान में शामिल होने के लिए रायपुर, भिलाई, दुर्ग सहित प्रदेश भर से जैन परिवार आ रहे हैं। इनके अलावा देशभर से भी कई परिवार इस अनुष्ठान में शामिल होंगे। विदेशों में बसे जैन परिवार भी इस अनुष्ठान में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने बताया कि आज सुबह तक अमेरिका से 12 कलशों की बुकिंग हो गई है। ललित पटवा ने बताया कि जैसे हमने आनंद महोत्सव में कीर्तिमान बनाया था, वैसे ही 2 अक्टूबर को भव्य नवकार कलश अनुष्ठान में भी नया कीर्तिमान बनने वाले हैं। उन्होंने बताया कि विदेश में बसे परिवारों के लिए इस अनुष्ठान से जुड़ने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था भी की गई है। अनुष्ठान के दिन उन्हें लिंक उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे वे इस अनुष्ठान में अपने परिवार के साथ शामिल हो सकेंगे। वहीं नवकार कलश को सुरक्षित पहुंचाने के लिए भी रायपुर श्रमण संघ ने कूरियर की व्यवस्था की है, ताकि विदेश में बैठे जैन परिवारों तक यह कलश पहुंच जाए।

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