स्वच्छता, सादगी, स्वालंबन के लिए सर्वजन संकल्पित हो- द्विवेदी

स्वच्छता, सादगी, स्वालंबन के लिए सर्वजन संकल्पित हो- द्विवेदी


राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 2 अक्टूबर। महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जयंती दिवस 2 अक्टूबर के अभिमहाप्रेरणा अवसर पर नगर के विचारप्रज्ञ प्राध्यापक डॉ. कृष्ण कुमार द्विवेदी ने विशिष्ट सामयिक विचार विमर्श में बताया कि गांधी एवं शास्त्री के महादर्शन के सार महासूत्र स्वच्छता-सादगी और स्वालंबन रहे हैं। वर्तमान में हमारी बाल-किशोर-युवा-प्रौढ़ पीढ़ी के लिए ये महादर्शन सूत्र नित्य जीवनचर्या क्रम में सहज -सरल रूप से आत्मसात करने हेतु सत्य संकल्प है। देश-धरती में सदा-सर्वदा से आदर्श-अद्वितीय हमारी सनातन संस्कृति परंपरा में स्वच्छता, पवित्रता, सादगी, स्वावलंबन का श्रेष्ठ जीवनचर्या में अतीव महत्व रहा है। घर-आँगन से लेकर तीर्थस्थलों की विशिष्टता ही विशिष्ट पहचान स्वच्छता और पवित्रता को ही माना गया है। आगे डॉ. द्विवेदी ने विशेष रूप से स्पष्ट किया कि क्षेत्र, प्रदेश एवं देश में जो भी महानविभूतियाँ श्रेष्ठ-श्रेयष्कर व्यक्तित्व हुए हैं वे सहज-सरल रूप में समग्र स्वच्छता, सादगीप्रियता एवं स्वावलंबन जैसे उत्कृष्ट गुणों की प्रतिमूर्ति रहे हैं। इन्हीं दिव्यगुणों से ही विभूषित होने वाले महापुरूष अपने समयकाल से ही श्रेष्ठतम बने और महान व्यक्तित्व के धनी कहलाये और तथा पीढ़ी दर पीढ़ी एवं नवपीढ़ी के लिए अभिप्रेरक बन गये। आइये गांधी-शास्त्री महापुरूषों के जन्मदिवस पर घर-आँगन से लेकर सार्वजनिक एवं महातीर्थ स्थलों की विशिष्ट पहचान ही स्वच्छता और पवित्रता को ही माना गया है। महान विभूतियां एवं संपूर्ण ग्रामों-नगरों, गली-मोहल्लों को स्वच्छ रखने का राष्ट्रीय संकल्प लें और सादगी से पवित्रता की ओर बढ़ाने वाले इस संकल्प को मन-प्राण से आत्मसात करते हुए देश-धरती को स्वर्ग सा सुन्दर स्थल बनायें। प्रत्येक जन-जन सर्वजन को प्रतिदिन कुछ समय स्वच्छता कर्म – कार्य के लिए निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में अवश्य निकालें। यही राष्ट्रीय स्वच्छता संकल्प दिवस श्रेष्ठ -सार्थक संदेश होगा।

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