छत्तीसगढ़ जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड के परिणाम घोषित

छत्तीसगढ़ जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड के परिणाम घोषित

पांच भागों में परीक्षा की गई थी आयोजित देश के विभिन्न प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

रिपोर्ट : नवीन संचेती

दुर्ग(अमर छत्तीसगढ़) 22 अक्टूबर। साध्वी श्री हेम प्रभा जी के अथक परिश्रम एवं पुरुषार्थ से राजस्थान प्रवर्तनी सुप्रभाजी के आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ धार्मिक परीक्षा बोर्ड का गठन साध्वी कंचन कंवर जी आदि साध्वी वृंद के दुर्ग चातुर्मास के दौरान छत्तीसगढ़ धार्मिक परीक्षा बोर्ड का गठन किया गया था तभी से प्रतिवर्ष भाग 1 से लेकर भाग 5 तक जैन धार्मिक विषयों पर आधारित जैन दर्शन जैन तत्व एवं जैन सिद्धांतों पर आधारित विषयों का समावेश कर लगातार 6 7 वर्षों से देश के विभिन्न शहरों में जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड के बैनर तले धार्मिक परीक्षा ली जाती है।

इस वर्ष उपाध्याय प्रवर श्री प्रवीण ऋषि जी महाराज के सानिध्य में लाल गंगा पटवा‌ भवन में छत्तीसगढ़ जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड के परिणाम घोषित किए गए जिसमें भाग 1 में प्रथम
प्रथम स्थान- वैशाली बागरेचा, साजा
द्वितीय स्थान- अदिति श्रीश्रीमाल, दुर्ग
तृतीय स्थान-शारदा बागरेचा, साजा ने प्राप्त किया उसी तरह भाग 2 में
प्रथम स्थान- सोनल खटेड़, कवर्धा द्वितीय स्थान-रचना रतनबोहरा, दुर्ग तृतीय स्थान-पायल चौरडिया, धमतरी रही
भाग 3 की परीक्षा में
प्रथम स्थान-ऋतु चौरडिया, धमतरी द्वितीय स्थान-रेखा गोलछा,धमतरी तृतीय स्थान-चंचल श्रीश्रीमाल, दुर्ग
भाग 4 की परीक्षा में
प्रथम स्थान-शिखा पिंचा, रायपुर द्वितीय स्थान-प्रेरणा पारख, दुर्गा तृतीय स्थान-सरोज गादिया, रायपुर रही
भाग 5 की परीक्षा में सीनियर वर्ग के लोगों की थी जिसमें
प्रथम स्थान पर श्रीमती रचिता श्रीश्रीमाल, दुर्ग द्वितीय स्थान पर रुचिता बाघमार, दुर्ग
तृतीय स्थान- चंदा रूणवाल, दुर्ग रही
छत्तीसगढ़ जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड की मुख्य संयोजिका श्रीमती मीना राम चांद पिचा धार्मिक परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष दिनेश लोढ़ा महामंत्री अनिकेत संचेती एवं कोषाध्यक्ष आनंद पारख मिश्री लाल लोढ़ा विनय पटवा भारतीय श्री श्री माल छगन गोलछा सहित सभी प्रमुख पदाधिकारी रायपुर पहुंचकर गुरुदेव श्री प्रवीण ऋषि जी का दर्शन वंदन करने के पश्चात उपाध्याय प्रवर श्री प्रवीण ऋषि जी के मुखारविंद से विजेता परीक्षार्थियों की घोषणा की गई उपाध्याय प्रवर श्री प्रवीण ऋषि जी ने कहा

छत्तीसगढ़ में महासती जी ने ज्ञान की ,स्वाध्याय की व्यवस्था का छत्तीसगढ़ में सूत्रपात किया उन्होंने कहा बिना व्यवस्था के आस्था टिकती नहीं है आस्था के चमन को खिलने के लिए व्यवस्था की आवश्यकता अत्यंत आवश्यक है जिस आस्था को व्यवस्था का चमन नहीं मिलता हे वह आस्था के बीज यूं ही बर्बाद हो जाते हैं उन्होंने कहा महासती श्री हेम प्रभा जी का पावन पवित्र पुरुषार्थ जैन समाज के लोगों को धर्म से जोड़ने का यह जो कार्य किया है इस कार्य की मैं अनुमोदना करते हुए साध्वी जी का अभिनंदन करता हूं साथ ही उन्होंने जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड के पदाधिकारी एवं सदस्यों को इस पावन कार्य के लिए अपना आशीर्वाद प्रदान किया

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