लालगंगा पटवा भवन में श्रावक ले रहे महावीर के अंतिम वचनों का लाभ
आज के लाभार्थी परिवार : श्री रतनचंदजी मदनलालजी संचेती परिवार
रायपुर(अमर छत्तीसगढ) । उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने कहा कि जो स्वयं से सवाल पूछते हैं वे स्वयंबुद्ध हो जाते हैं। जो सयानों के साथ संवाद करते हैं वे बुद्धबोधित हो जाते हैं। जो घटना के साथ संवाद करते हैं वे प्रत्येक बुद्ध हो जाते हैं। जो स्वयं के साथ बात करता है उसे शास्वत सत्य की अनुभूति हो जाती है। इसके साथ ही उसे अपना अतीत भी ज्ञात हो जाता है। जिनके साथ जिये, उनका भी बोध हो जात है। उक्ताशय की जानकारी रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने दी। उन्होंने बताया कि श्रुतदेव आराधना के चौथे दिवस लाभार्थी परिवार श्रीमती चंदा मुकेशजी चोरड़िया परिवार श्री उत्तमचंदजी सौरभ कुमारजी नाहटा परिवार (खुज्जी) ने श्रावकों का तिलक लगाकर स्वागत किया।
उपध्याय प्रवर ने कहा कि कपिल ने पिछले जन्म में एक वचन दिया था, कि जिसे भी सत्य का बोध हो जाएगा, वह बाकी साथियों को भी उसका बोध कराएगा। कपिल के 500 साथी इस जन्म में जंगल में डाकू बनकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उसे जब पता चला तो वह वचनपूर्ति के लिए चल पड़ा। जंगल में चल रहा था कि डाकुओं ने घेर लिया, उसने कोई प्रतिकार नहीं किया। सन्यासी के पास से डाकुओं को क्या मिलेगा, उसके पास कुछ नहीं था, लेकिन उसे देखकर डाकुओं को लगा कि इसे सरदार के पास ले जाना चाहिए। कपिल को लेकर सरदार के पास पहुंचे। 500 डाकू कपिल को नहीं जानते, लेकिन वह उन सबको जनता है। सरदार ने कहा कि तेरे पास कुछ नहीं है, लेकिन गायन कला तो है, एक गीत सुना। कपिल ने गाना शुरू किया। और यह गीत जो है उत्तराध्ययन सूत्र का आठवाँ अध्याय है।
शनिवार को लालगंगा पटवा भवन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए उपाध्याय प्रवर ने कहा कि सिद्धांत यह कहता है कि निर्वाण कल्याणक के देशना के समय में प्रभु ने जब इस प्रकार की परंपरा दी कि जो किसी चोर को साधु बना दे उस देशना को सुधर्मा स्वामी ने कपिल के चरित्र से संपादित कर के प्रस्तुत की। एक एक गाथा, एक-एक गीत कपिल जाता गया और किसी को पहली पंक्ति में ही बोध हो गया कि यह तो मेरी बात कर रहा है। शब्द कान में गए और वह समाधी में पहुँच गया। कपिल गाता गया और एक-एक शब्द उनके लिए मंत्र बन गया। गाथा पूरी होते होते सभी डाकू झूमते झूमते प्रतिबोध को प्राप्त हो गए। सत्य की रह पर चलते हुए सत्यमय बन गए।
रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि रायपुर की धन्य धरा पर 13 नवंबर तक लालगंगा पटवा भवन में उत्तराध्ययन श्रुतदेव आराधना होगी जिसमे भगवान महावीर के अंतिम वचनों का पाठ होगा। यह आराधना प्रातः 7.30 से 9.30 बजे तक चलेगी। उन्होंने सकल जैन समाज को इस आराधना में शामिल होने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि आज के लाभार्थी परिवार थे श्रीमती चंदा मुकेशजी चोरड़िया परिवार श्री उत्तमचंदजी सौरभ कुमारजी नाहटा परिवार खुज्जी। 29 अक्टूबर के लाभार्थी परिवार है रतनदेवी मनोहरमलजी भंसाली परिवार एवं श्री रतनचंदजी मदनलालजी संचेती परिवार। श्रीमद उत्तराध्ययन श्रुतदेव आराधना के लाभार्थी बनने के लिए आप रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा से संपर्क कर सकते हैं।