राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़) 7 दिसम्बर। मिचींग तूफान के कारण जिले में असमायिक वर्षा से धान या धान करपा को क्षति होने की पूर्ण संभावना है। जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत् अधिसूचित ग्राम के अधिसूचित फसल धान सिंचित, धान असिंचित, फसलों को नुकसान होने की स्थिति में बीमित किसान को दावा भुगतान का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत फसल कटाई के उपरांत खेत में सुखाने के लिए फैलाकर धान का करपा रखी हुई अथवा छोटे बंडलो/भारा में रखे हुये अधिसूचित फसल को प्राकृतिक आपदा यथा-ओला, चक्रवाती वर्षा एवं बेमौसम वर्षा से अधिसूचित इकाई में 25 प्रतिशत से अधिक हानि होती है तो उन सभी प्रभावित बीमित कृषकों के नुकसान की जांच कर नियमानुसार क्षतिपूर्ति हेतु पात्र घोषित की जावेगी।
कृषक इसकी सूचना क्रियान्वयन बीमा कंपनी को सीधे टोल फ्री नंबर 1800-419-0344 या 1800-11-6515 पर या लिखित रूप से अथवा स्थानीय राजस्व / कृषि अधिकारियों, संबंधित बैंक अथवा जिला कृषि पदाधिकारी / राजस्व पदाधिकारी को लिखित रूप से निर्धारित समय-सीमा 72
घंटे के भीतर बीमित फसल के ब्योरे क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण सहित सूचित करें। उद्यानिकी फसलो में क्षति होने में भू-राजस्व सहिंता RBC 6-4 के तहत राजस्व पटवारी /पदाधिकारी को लिखित रूप से क्षति ब्योरे सहित सूचित करें।
बिसेसर दास साहू, संसद प्रतिनिधि एवं कृषक प्रतिनिधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना द्वारा किसान भाईयों से आग्रह किया कि फसल में हुई क्षति की सूचना क्रियान्वित बीमा कंपनी को सीधे टोल फ्री नम्बर या राजस्व / कृषि / संबंधित बैंक को लिखित रूप से या क्रॉप इंश्योरेंस एप के माध्यम से निर्धारित समय-सीमा 72 घंटे के भीतर बीमित फसल के ब्योरे क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण सहित सूचित कर सकते है। प्रभावित बीमित कृषकों के नुकसान की जांच कर नियमानुसार क्षतिपूर्ति का लाभ प्राप्त हो सके।