बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ़) 29 दिसम्बर ।
दवाईयों के दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे कारोबार के चलते फार्मा के विद्यार्थी विदेश में भी अपना कैरियर तलाश कर सकते हैं, यह बात स्कूल आफ फार्मेसी महाविद्यालय बिलासपुर में आयोजित फार्मेसी क्षेत्र में विदेश में उच्च शिक्षा एवं रोजगार की संभावना विषयक सेमिनार के दौरान कही गई।
इस सेमिनार के प्रमुख वक्ता डा. गौरव सिंघई जो कि विगत 12 वर्षों से ऑस्ट्रेलिया में कार्यरत हैं , वर्तमान में डॉ. सिंघई सीनियर रिसर्च ऑफिसर, नैनो हेल्थ डिवीजन, सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में कार्यरत हैं आप मूलत: बिलासपुर शहर के निवासी हैं।
डा. सिंघई ने सिडनी रिसर्च नैनोहेल्थ लैब में चल रहे नैनोटेक्नोलॉजी के विभिन्न शोध क्षेत्रों एवं लैब की कार्य प्रणाली के बारे में छात्रों को जानकारी दी। साथ ही साथ वहां विभिन्न रोजगारों के अवसर के बारे में छात्रों को बताया तथा विदेश में उच्च शिक्षा हेतु आवश्यक अहर्ताओं एवं मिलने वाली छात्रवृत्तियों के बारे में छात्रों को जानकारी दी तथा इस विषय पर छात्रों के विभिन्न प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं पर बात की।
वक्ता ने बताया विगत वर्ष 2023 में भारत से लगभग 5 लाख से अधिक विद्यार्थी ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा एवं रोजगार के लिए भारत से गए हैं जो पिछले वर्षों की अपेक्षा 30% अधिक है, एवं ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने जाने वाले छात्रों की संख्या के मामले में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है।
इस सेमिनार में स्कूल आफ फार्मेसी, चौकसे कॉलेज आफ फार्मेसी एंव इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी के बी. फार्मेसी एवं डी. फार्मेसी के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री आशीष जायसवाल, प्रचार्य डॉ धीरज अहिरवार, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट अधिकारी श्री विनोद खरसन एवं कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रितेश जैन ने ऑस्ट्रेलिया से पधारे डॉ. गौरव सिंघई का धन्यवाद दिया एवं सेमिनार में उपस्थित सभी छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की।