राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) जिले के खैरागढ़ स्थित राज परिवार से जुड़े व विधायक, पूर्व सांसद, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता, पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष देवव्रत सिंह का अल्पआयु 52 वर्ष में ही स्वास्थ्यगत कारणों से निधन हो गया। खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में लोकप्रियता की मिसाल स्थापित करने वाले देवव्रत सिंह के अंतिम संस्कार में जहां राजनीतिक पार्टी सभी वर्ग व समुदाय के लोगों व राजपरिवार सम्मिलित हुए।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत, सरगुजा राजा, कैबिनेट मंत्री टी एस सिंहदेव बाबा सहित बड़ी संख्या में खैरागढ़ पहुंचकर स्व. देवव्रत सिंह परिवार से मिलकर अपनी शोक श्रद्धांजलि अर्पित की। परिजनों को ढांढस बंधाया। स्व. देवव्रत सिंह की पूर्व पत्नी पदमा सिंह भी कल खैरागढ़ पहुंच गई। उनके सुपुत्र तथा खैरागढ़ के भावी युवराज आर्यवर्त ने मुखाग्नि दी तथा 13 नवंबर को उनका विधिवत राज तिलक भी होगा। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रदेश प्रभारी पी. एल. पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अपनी शोक श्रद्धांजलि प्रेषित की है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, प्रदेश कांग्रेस युवा अध्यक्ष कोकोपाढ़ी भी आज खैरागढ़ स्थित राजपरिवार के पैलेस पहुंचकर अपनी शोक श्रद्धांजलि अर्पित की। जानकारी के अनुसार खैरागढ़ राजपरिवार से रिश्तेदारी में जुड़े पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी खैरागढ़ पहुंचने वाले हैं। उनके आने की अधिकृत जानकारी नहीं मिली है। संभव है एक दो दिन में पहुंचेंगे।
खैरागढ़ की राजनीति में अपनी माता स्व. रश्मि देवी की विधायिका के बाद उनके सुपुत्र देवव्रत सिंह को कांग्रेस ने टिकट दी थी। विधायक भी निर्वाचित हुए। क्षेत्र के चार बार विधायक एक बार सांसद तथा इस अवधि में उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता भी नियुक्त किया गया। स्व. देवव्रत सिंह कुछ समय तक पत्रकारिता के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे हैं। खैरागढ़ राजपरिवार के वरिष्ठों में वर्तमान में लाल शंकर बहादुर सिंह, लाल विष्णु बहादुर सिंह, लाल गुप्त नारायण सिंह व इनका भरापूरा परिवार देवव्रत परिवार से जुड़ा हुआ है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि खैरागढ़ राजपरिवार विशेषकर स्व. राजा बहादुर, मेजर वीरेन्द्र बहादुर सिंह व धर्म पत्नी रानी पदमावती देवी सिंह का नेहरू गांधी परिवार से 70 वर्षों का पारिवारिक व राजनीतिक संबंध भी रहा है। देवव्रत की राजनीति भी ऊंचाई में रही है। लेकिन उन्होंने किसी नाराजगी के चलते कांग्रेस छोड़कर 2018 में जोगी कांग्रेस प्रवेश कर चुनाव लड़ा वे अंतिम समय तक अधिकृत तौर पर जोगी कांग्रेस छोड़कर कांग्रेस में सम्मिलित नहीं हो पाये। जबकि उनकी पूरी आस्था कांग्रेस व सतत संपर्क मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री मो. अकबर, रविन्द्र चौबे से सर्वाधिक नजदीकी रही है, बल्कि उन्होंने इन सभी के प्रयास से क्षेत्र का सर्वाधिक विकास कर रहे थे। पिछड़ा वर्ग बाहुल्य खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में जोगी कांग्रेस का भी वर्चस्व रहा है। जिसकी वजह से वे विधायक भी बने।
स्व. विधायक देवव्रत सिंह के एक पुत्र व एक पुत्री पहली वाली शादी श्रीमती पदमा सिंह के साथ है। दूसरी शादी में देवव्रत सिंह ने लखनऊ की विभा सिंह से की है। बावजूद परिवार की देखरेख दोनों बच्चों से आत्मीयता नजदीकी, देव्रवत सिंह की बहन व बच्चों की बुआ श्रीमती उज्जवला सिंह प्रमुख है।
खैरागढ़ राजपरिवार में अब राजनीति में सक्रियता को लेकर फिलहाल किसी नये युवाओं की सक्रियता आगे चलकर दिख सकती है। राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह के परिवार की पीढ़ी में वरिष्ठ लाल विष्णु बहादुर सिंह, लाल. शंकर बहादुर सिंह, लाल गुप्त नारायण सिंह व इनके परिवार के लोग प्रमुख है। वर्तमान में स्व. देवव्रत सिंह के होने वाले कार्यक्रमों की रूप रेखा सुधीन्द्र सिंह बल्लू व जीएन सिंंह का परिवार भी जुटा हुआ है। परिजनों के अनुसार 10 नवंबर को दशगात्र व 13 नवंबर को तेरहवीं होगी। स्व. देवव्रत सिंह के सुुपुत्र आर्यवर्त सिंह का राजतिलक तेरहवीं के देर शाम तक होने की संभावना है। पूर्व धर्मपत्नी युवरानी, श्रीमती पदमा सिंह भी खैरागढ़ पहुंच चुकी है। उनके मायके लोग भी इस कठिन घड़ी में खैरागढ़ पहुंच गये हैं। खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में शोक की लहर की स्थिति आज भी बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर युवरानी श्रीमती पदमा सिंह का परिचय पूरे विधानसभा क्षेत्र में होने की वजह से क्षेत्रवासी व परिजन भी उनसे मिल रहे हैं।
खैरागढ़ विधानसभा में इस बार तीसरी बार उपचुनाव संभवत: मार्च प्रथम सप्ताह 2022 में संभावित है। पिछड़ा वर्ग क्षेत्र होने की वजह से कांगे्रस एवं भाजपा के लिए प्रतिष्ठा पूर्ण होगी। वहीं क्षेत्र के मतदाताओं की सही श्रद्धांजलि भी उम्मीदवार को जीताने में सहभागी हो सकती है। आगामी दिनों में प्रदेश मंत्रीमंडल के कई मंत्री, कई विधायक, संगघटन, निगम, मंडल, आयोग के प्रमुख भी खैरागढ़ पहुंचकर श्रद्धांजलि देने आएंगे, चर्चा हो रही है।