झीरमकांड, राज्य शासन ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया

झीरमकांड, राज्य शासन ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया

रायपुर। (अमर छत्तीसगढ़) प्रदेश के बस्तर के थाना दरभा अंतर्गत झीरम घाटी क्षेत्र में 25 मई 2013 को घटित नक्सलियों द्वारा कारित हिंसात्मक घटना के संबंध में जांच आयोग अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए लोक महत्व के विषय की विशेष जांच हेतु 1 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था। विभागीय अधिसूचना 21 जनवरी 2019 को जांच हेतु अतिरिक्त बिन्दुओं को शामिल किया गया था, जांच आयोग के सचिव द्वारा 23 सितंबर 2021 को अवगत कराया गया कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है। इसलिए समय वृद्धि पूरी की जावे। न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल 30 सितंबर 2021 को समाप्त हो चुका है।

आयोग के अध्यक्ष प्रशांत कुमार मिश्रा स्थानांतरित होकर मुख्य न्यायाधीश अंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय में पदभार ग्रहण कर चुके हैं। अतएव राज्य शासन द्वारा जांच आयोग में दो नवीन सदस्य नियुक्त करने का निर्णय दिया गया है। छग शासन सामान्य प्रशासन विभाग उप सचिव रोक्तिमा यादव ने आज जारी उक्त आदेश में कहा है कि राज्य शासन द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना की बिन्दुओं के अतिरिक्त तीन अन्य बिन्दु शामिल किये गए है, जिसमें क्रमश क्या घटना के पश्चात पीडि़तों को चिकित्सकीय व्यवस्था उपलब्ध कराया गया था, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ती को रोकने के लिए क्या समुचित कदम उठाये गये थे ?, अन्य बिन्दुओं मानमाननीय आयोग व राज्य शासन के पारिस्थितिक आवश्यकतानुसार निर्धारित किया जावे। जारी आदेश में कहा गया है कि जांच आयोग अधिनियम  की धारा द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार उपरोक्त लोक महत्व की विषय की विशेष जांच हेतु दो सदस्यीय नायिक जांच आयोग में नियुक्त करता है,

जिसके अध्यक्ष न्याय मूर्ति श्री सतीश अग्निहोत्री एवं न्यायमूर्ति जी मिन्हाजुद्दीन, पूर्व न्यायाधीश उच्च न्यायालय बिलासपुर होंगे। आयोग अपनी जांच इस अधिसूचना की प्रकाशन की तारीख से छह माह के भीतर जांच पूरी करेगा तथा राज्य शासन को रिपोर्ट सौंपेंगे। जांच के दौरान तकनीकी विषय बिन्दुओं पर आयोग किसी संस्था विशेषज्ञ की सहायता ले सकेगा। 

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