युगांतर के विद्यार्थियों व शिक्षक शिक्षिकाओ ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में लिया भाग

युगांतर के विद्यार्थियों व शिक्षक शिक्षिकाओ ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में लिया भाग


राजनांदगाँव(अमर छत्तीसगढ़) 29 जनवरी। भारत में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी संस्था युगांतर पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों व शिक्षक शिक्षिकाओ ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य अभिषेक खंडेलवाल के अगुवाई में विद्यार्थियों व शिक्षक-शिक्षिकाओ ने आन लाइन इस कार्यक्रम का लाभ लिया। विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि इस कार्यक्रम के जरिये विद्यार्थियों ने परीक्षा का तनाव खत्म करने की कला सीखी।

उन्होंने इस रचनात्मक कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री मोदी का हृदय से आभार माना है। इस प्रभावी आयोजन के लिए विद्यालय के चेयरमैन विनोद सदानी, सेक्रेटरी विनय डड्ढा,कोषाध्यक्ष मिश्रीलाल गोलछा, निदेशक (अकेडमिक्स) सुशील कोठारी, पी आर ओ दिनेश प्रताप सिंह, प्रशासक सुरेंद्र भार्गव सहित युगांतर परिवार ने हर्ष प्रकट किया है।
माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि परीक्षा के लिए तनाव लेना उचित नहीं है। समुचित कार्य योजना के साथ शिक्षकों व पालकों के निरंतर संपर्क में रहते हुए अपने पाठ्यक्रम को एक निर्धारित समय सीमा के अनुरूप तैयार करने से सफलता निश्चित मिलती है। तनाव में रहकर कार्य करने से कोई भी कार्य सफल नहीं होता। विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी की स्वयं की तैयारी लिखित अभ्यास द्वारा होनी चाहिए । इससे वह परीक्षा कक्ष में घबराता नहीं है। परीक्षा के दिनों सामान्य दिनों की तरह समझते हुए सन्तुलित आहार और व्यायाम पर ध्यान देते हुए अध्ययन और अभ्यास में लगे रहना चाहिए। उन्होंने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों से दोस्ती करने की सलाह भी दी। विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा के तनाव का सामना करना आना चाहिए। पालकों को भी चाहिए कि वह अपने पाल्य को परीक्षा का सामना करने के लिए स्वतंत्र छोड़े। उन्हें अपने पाल्य के लिए परीक्षा की अलग से तैयारी करने की आवश्यकता नहीं है।

इसी तरह के प्रभावी चर्चा के द्वारा माननीय मोदी जी ने शिक्षक-शिक्षिकाओं का भी कुशल मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी का संबंध केवल परीक्षा के समय तक सीमित नहीं होना चाहिए। यह संबंध शुरू से प्रगाढ़ होनी चाहिए। शिक्षक-शिक्षिकाओं को विद्यार्थियों के उनके अच्छे कार्यों सराहना करनी चाहिए। कुल मिलाकर परीक्षा पे चर्चा विद्यार्थियों के लिए प्रभावकारी साबित हुई।

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