*भवन निर्माण अनुज्ञा प्रकरणों में बकाया अदायगी शुल्क निगम कोष में जमा नहीं कराने पर 31 लोगों का आई.डी. बंद एवं लायसेंस* *हुआ रद्द*
राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 22 फरवरी। शासन निर्देशानुसार 5 हजार वर्गफीट आवासीय भवनों में 1 रू. प्रक्रिया शुल्क में जारी डायरेक्ट भवन अनुज्ञा के प्रकरणों में निर्धारित प्रभार्य शुल्क तथा डायरेक्ट भवन अनुज्ञा के अतिरिक्त अन्य प्रकरणों में विकास शुल्क के रूप में जमा होने वाली अदायगी राशि निगम कोष में जमा नहीं करने के कारण निगम आयुक्त श्री अभिषेक गुप्ता ने 31 निजी पंजीकृत वास्तुविद, इंजीनियर एवं पर्यवेक्षक के अनुज्ञप्ति को रद्द कर उनकी आई.डी. बंद करने तथा भवन अनुज्ञा आवेदन सदा के लिये प्रतिबंधित करने आदेश जारी किया है।
निगम आयुक्त श्री गुप्ता ने बताया कि शासन द्वारा नागरिकों को भवन निर्माण में सुविधा प्रदान करने 1 रूपया प्रक्रिया शुल्क में डायरेक्ट भवन अनुज्ञा देने का प्रावधान किया है, प्रावधान अनुसार मकान निर्माण करने पंजीकृत वास्तुविद के माध्यम से लोग भवन अनुज्ञा लेने आवेदन कर रहे है। वास्तुविद इंजीनियर भवन अनुज्ञा आवेदन करने भूखण्ड स्वामी का अधिकृत आवेदक होता है, अधिकृत आवेदक होने के नाते यथा प्रक्रिया अनुसार प्रभार्य शुल्कों का भुगतान कराना था, लेकिन कतिपय वास्तुविद इंजीनियर व पर्यवेक्षक द्वारा लापरवाही बरता गया जिसपर उन्हें 5 जनवरी 2024 एवं 31 जनवरी 2024 को नोटिस जारी किया गया, नोटिस उपरांत भी 1 माह पश्चात उनके द्वारा राशि जमा नहीं करायी गयी, जो नियम विरूद्ध हैै। उन्होने बताया कि उनके द्वारा 5 हजार वर्गफीट आवासीय भवनों में 1 रूपये प्रक्रिया शुल्क पर जारी डायरेक्ट भवन निर्माण अनुज्ञा के प्रकरणों में आवेदक/भूखण्ड स्वामी द्वारा भवन निर्माण अनुज्ञा हेतुआयुक्त श्री गुप्ता ने बताया कि भवन अनुज्ञा के प्रकरणों में नोटिस उपरांत 30 दिवस बीत जाने के बावजूद भी 31 वास्तुविद इंजीनियर व पर्यवेक्षक के द्वारा भवन अनुज्ञा शुल्क सहित अन्य आवश्यक शुल्क जमा करने में कोई रूचि नहीं ली गयी, न ही अपने स्तर पर किसी प्रकार की कार्यवाही से अवगत कराया और न ही किसी प्रकार का जवाब प्रस्तुत किया गया है। जो कि छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 366 व छ.ग. भूमि विकास नियम 1984 तथा भवन अनुज्ञा आवेदन के दौरान निष्पादित शपथ पत्र का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है। उन्हांेने बताया उनके इस कृत्य पर छ.ग. भूमि विकास नियम 1984 के नियम 26 के तहत प्रदत्त आर्किटेक्ट/इंजीनियर/पर्यवेक्षक के लायसेंस को रद्द कर उनका नाम भविष्य में काली सूची में दर्ज कर आई.डी. को बंद करते हुये नगर पालिक निगम राजनांदगांव में भवन अनुज्ञा आवेदन करने सदा के लिये प्रतिबंधित का आदेश जारी किया गया है।