रायपुर (अमर छत्तीसगढ ) 25 फरवरी ।
विश्ववंदनीय आचार्य श्री विद्यासागर जी को सर्व समाज ने दी भावांजलि
विश्ववंदनीय आचार्य श्री विद्यासागर जी मुनिराज को कृतज्ञ राष्ट्र की भावपूर्ण विनयांजलि के अवसर पर जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने भावांजलि अभिव्यक्त की है । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के डोंगरगढ़ में समाधिमरण से छत्तीसगढ़ की धरा पावन व धन्यधन्य हो गई है । विश्ववंदनीय आचार्य श्री विद्यासागर जी के समाधिमरण से छत्तीसगढ़ का चंद्रगिरी तीर्थ विश्व जैन समुदाय में आस्था का केन्द्र बन गया है । जैन संवेदना ट्रस्ट व सकल जैन समाज की ओर से विनयांजलि अर्पित करते हुए महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि आचार्य श्री के सम्पूर्ण जीवन में विनय गुण के स्वाभाविक दर्शन होते हैं । पंच महाव्रत के पालन का मूल आधार ही विनय गुण है । आचार्य श्री का संयम जीवनकाल भगवान महावीर स्वामी द्वारा प्रतिपादित पंच महाव्रत के सूक्ष्म पालन की पराकाष्ठा है ।
करुणानिधान आचार्य श्री विद्यासागर जी ने स्वकल्याण के साथ ही प्राणिमात्र के लिये अनेक प्रकल्प में मार्गदर्शन दिया है । आचार्य श्री की प्रेरणा से मूक पशु पक्षियों व मानव समाज की सेवा के कार्यक्रम सम्पूर्ण भारतवर्ष में संचालित हैं । आचार्य श्री का संपूर्ण जीवन वर्षों वर्षों तक मानव समाज को प्रेरित करता रहेगा ।