पुलिस इंस्पेक्टर तरुणा साहू 16 को अयोध्या महोत्सव में पंडवानी की प्रस्तुत देगी

पुलिस इंस्पेक्टर तरुणा साहू 16 को अयोध्या महोत्सव में पंडवानी की प्रस्तुत देगी


पद्मश्री तीजन बाई से मुलाकात कर लिया आशीर्वाद
रायपुर/राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़) 12 मार्च। पंडवानी के क्षेत्र में अपनी योग्यता एवं प्रस्तुति का लोहा मनाने वाली पुलिस इंस्पेक्टर आरपीएफ श्रीमती तरुणा साहू पिछले ढाई दशक से पंडवानी के क्षेत्र में अपनी प्रस्तुति के साथ लोकप्रियता हासिल कर रही है। शासकीय सेवा में भी अनुशासन के साथ नियमित ड्युटी देना भी उनकी प्राथमिकता है। गत दिनों तरुणा ने भिलाई स्थित व निवासरत भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान प्राप्त करने वाली तीजन बाई से आशीर्वाद भी उनके निवास पर जाकर लिया। गले मिलकर तरुणा ने मनपसंद गीत सदा तोरई न फूले वो सदा सावन न हो, सदा जवान यह न रहे जैसी भुली बिसरी यादों को भी तरो ताजा कर तीजन बाई से गले मिलकर आशीर्वाद लिया। वे आगामी 14 मार्च को अपनी टीम के साथ अयोध्या महोत्सव में भाग लेगी जो 16 मार्च को है। तरुणा साहू के पति एमन साहू राजनांदगांव सिटी कोतवाली के प्रभारी है। जिनकी अपराध नियंत्रण व कार्रवाई के मामले में सक्रियता चर्चा में रहती है।


तरुणा को पंडवानी गायन में महारथ हासिल है। वर्ष 1993-94 में पद्म विभूषण तीजन बाई से पंडवानी गायन का प्रशिक्षण प्राप्त कर तरुणा ने देशभर में अपनी कला का प्रदर्शन किया। तरुणा साहू ने सांध्य दैनिक अमर छत्तीसगढ़ व वेब न्यूज पोर्टल को बताया कि जब वे नौ साल की थीं, तब से ही उन्हें पंडवानी गायन का शौक था। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने पंडवानी गायन जारी रखा। शुरू से ही वे पढ़ाई में भी काफी अच्छी रही हैं, लेकिन उन्होंने अपने शौक को भी जिंदा रखना चाहा। ऐसे में उन्होंने तीजन बाई के नेतृत्व में पंडवानी सीखी और फिर एक मौका ऐसा आया कि दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय कार्यक्रम में तरुणा ने पद्म विभूषण तीजन बाई के साथ प्रस्तुति दी और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया।
कई बार हो चुकीं सम्मानित
पंडवानी के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए तरुणा को कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। तरुणा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया है। तरुणा बताती हैं कि उनके स्कूल में ऐसे बच्चों की कैंपेनिंग कराई जाती थी, जो गा सकते थे। उस वक्त पद्म विभूषण तीजन बाई भी स्कूल में आई थीं। उस समय वह एकमात्र ऐसी छात्रा थीं जिनका चयन हुआ। पुलिस में नौकरी लगने के बाद तरुणा ने तीजन बाई से मुलाकात भी की, जिसे देखते ही तीजन बाई ने उन्हें गले से लगा लिया।
वर्ष 2005 में तरुणा साहू को फोक एंड नेशनल आर्ट में स्कालरशिप भी मिली है। इतना ही नहीं पुलिस की परीक्षा के लिए तरुणा ने खुद को फिजिकल फिट रखा और खूब पढ़ाई की, जिसकी वजह से वे आज एक बेहतर पुलिस अधिकारी के तौर पर जानी जाती हैं। पंडवानी गायन के साथ ही उन्होंने विभागीय ड्यूटी भी बखूबी निभाई है। रेलवे में कई लोगों की मदद की, जिसके लिए सम्मानित भी हुई हैं।अयोध्या महोत्सव में पंडवानी की प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किए जाने से तरुणा काफी उत्साहित हैं। इस मौके पर श्री रामलला के दर्शन करने का सौभाग्य भी मिलेगा।

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