बिलासपुर जैन दिगम्बराचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आचार्य पद पर 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर बिलासपुर जैन सभा ने भारतीय डाक विभाग, छत्तीसगढ़ परिमंडल, बिलासपुर संभाग के सहयोग से विशेष आवरण एवं चित्रमय विरूपण का अनावरण समारोह का आयोजन किया।
श्री विद्यासागर जी महाराज एक ऐसा नाम जिसे समूची दुनिया जानती और पहचानती है। उनके संघर्ष और तप से पूरी दुनिया प्रभावित है। एक ऐसे संत जिनका जीवन एक सम्पूर्ण दर्शन है, जिनके आचरण में जीवों के लिए करुणा पलती है, जिनके विचारों में प्राणी मात्र का कल्याण आकार लेता है, जिनकी देशना में समूची दुनिया अपने सदविकास का मार्ग प्रशस्त करती है । इनके विचार भारतीयता के प्रति अगाध निष्ठा, राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यपरायणता से ओतप्रोत हैं। आपने समूचे देश के लोगों के मन में “इंडिया नहीं, भारत बोलो”, की अलख जगाई है। आपका चिंतन प्राचीन भारतीय हितचिंतकों, दार्शनिकों एवं संतों का अनुकरण करते हुए भी मौलिक है । आचार्य महाराज तो ज्ञानवारिधी है और उनके विचारों को संकलित करना छोटी सी अंजुली में सागर को भरने का असंभव प्रयास करना है|
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी पर विशेष आवरण एवं चित्रमय विरूपण का अनावरण समारोह में बिलासपुर शहर के प्रथम नागरिक महापौर श्री रामशरण यादव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि बिलासपुर सम्भाग के आयकर आयुक्त देवेन्द्र कुमार जैन रहे। कार्यक्रम के संयोजक प्रधान डाकघर बिलासपुर के अधीक्षक श्री एच. आर. साहू, विशिष्ट अतिथि के रूप में बिलासपुर जैन समाज के संरक्षक स.सि. प्रवीण जैन, स.सि. विनोद जैन, श्री सनत जैन, अध्यक्ष वीर कुमार जैन, समाज के वरिष्ठ नागरिक श्री महेन्द्र जैन, सुकुमार जैन और प्रधान डाकघर से सुश्री खान उपस्थित रहे। सर्वप्रथम समस्त अतिथियों द्वारा आचार्य श्री के तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया, तत्पश्चात जैन परंपरा का अनुपालन करते हुए श्रीमती संध्या जैन ने मंगलाचरण की प्रस्तुति दी।
बिलासपुर जैन सभा के अध्यक्ष वीर कुमार जैन ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला, उन्होंने आचार्य श्री का संक्षिप्त जीवन परिचय दिया और साथ ही आचार्य श्री के बिलासपुर आगमन के समय के कुछ पल साझा किए। महापौर रामशरण यादव ने कहा कि बिलासपुर की धरा एवं बिलासपुरवासी बहुत ही भाग्यशाली हैं कि हमें दो-दो बार आचार्य श्री का सानिध्य मिला।
कार्यक्रम के संयोजक श्री साहू ने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी के त्याग और तपोबल के कारण आज समूचा विश्व उनके आगे नतमस्तक है। विगत 50 वर्षों से वे एक महान साधक की भूमिका में हैं, उनके बताए गए मार्ग पर चलकर उनके अनुयायी सम्पूर्ण मानव जाति, राष्ट्र और विश्व की भलाई कर रहे हैं। उनके आदर्श जनकल्याणकारी हैं।
दिगम्बराचार्य श्री विद्यासागर महाराज के आचार्य पद पर 50 वर्ष पूर्ण होने पर डाक विभाग द्वारा विशेष आवरण एवं चित्रमय विरूपण का अनावरण किया
बिलासपुर जैन दिगम्बराचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आचार्य पद पर 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर बिलासपुर जैन सभा ने भारतीय डाक विभाग, छत्तीसगढ़ परिमंडल, बिलासपुर संभाग के सहयोग से विशेष आवरण एवं चित्रमय विरूपण का अनावरण समारोह का आयोजन किया।
श्री विद्यासागर जी महाराज एक ऐसा नाम जिसे समूची दुनिया जानती और पहचानती है। उनके संघर्ष और तप से पूरी दुनिया प्रभावित है। एक ऐसे संत जिनका जीवन एक सम्पूर्ण दर्शन है, जिनके आचरण में जीवों के लिए करुणा पलती है, जिनके विचारों में प्राणी मात्र का कल्याण आकार लेता है, जिनकी देशना में समूची दुनिया अपने सदविकास का मार्ग प्रशस्त करती है । इनके विचार भारतीयता के प्रति अगाध निष्ठा, राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यपरायणता से ओतप्रोत हैं। आपने समूचे देश के लोगों के मन में “इंडिया नहीं, भारत बोलो”, की अलख जगाई है। आपका चिंतन प्राचीन भारतीय हितचिंतकों, दार्शनिकों एवं संतों का अनुकरण करते हुए भी मौलिक है । आचार्य महाराज तो ज्ञानवारिधी है और उनके विचारों को संकलित करना छोटी सी अंजुली में सागर को भरने का असंभव प्रयास करना है|
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी पर विशेष आवरण एवं चित्रमय विरूपण का अनावरण समारोह में बिलासपुर शहर के प्रथम नागरिक महापौर श्री रामशरण यादव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि बिलासपुर सम्भाग के आयकर आयुक्त देवेन्द्र कुमार जैन रहे। कार्यक्रम के संयोजक प्रधान डाकघर बिलासपुर के अधीक्षक श्री एच. आर. साहू, विशिष्ट अतिथि के रूप में बिलासपुर जैन समाज के संरक्षक स.सि. प्रवीण जैन, स.सि. विनोद जैन, श्री सनत जैन, अध्यक्ष वीर कुमार जैन, समाज के वरिष्ठ नागरिक श्री महेन्द्र जैन, सुकुमार जैन और प्रधान डाकघर से सुश्री खान उपस्थित रहे। सर्वप्रथम समस्त अतिथियों द्वारा आचार्य श्री के तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया, तत्पश्चात जैन परंपरा का अनुपालन करते हुए श्रीमती संध्या जैन ने मंगलाचरण की प्रस्तुति दी।
बिलासपुर जैन सभा के अध्यक्ष वीर कुमार जैन ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला, उन्होंने आचार्य श्री का संक्षिप्त जीवन परिचय दिया और साथ ही आचार्य श्री के बिलासपुर आगमन के समय के कुछ पल साझा किए। महापौर रामशरण यादव ने कहा कि बिलासपुर की धरा एवं बिलासपुरवासी बहुत ही भाग्यशाली हैं कि हमें दो-दो बार आचार्य श्री का सानिध्य मिला।
कार्यक्रम के संयोजक श्री साहू ने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी के त्याग और तपोबल के कारण आज समूचा विश्व उनके आगे नतमस्तक है। विगत 50 वर्षों से वे एक महान साधक की भूमिका में हैं, उनके बताए गए मार्ग पर चलकर उनके अनुयायी सम्पूर्ण मानव जाति, राष्ट्र और विश्व की भलाई कर रहे हैं। उनके आदर्श जनकल्याणकारी हैं।
डाकघर अधिक्षक श्री साहू ने कहा कि आचार्य श्री की इन्हीं विलक्षण विशेषताओं के कारण भारतीय डाक परिमंडल ने श्री विद्यासागर जी महाराज पर विशेष आवरण जारी करने का निर्णय लिया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि स.सि. विनोद जैन जी ने आचार्य श्री के उद्देश्यों, भावनाओं और विचारों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आचार्य श्री के आशीर्वाद से लगभग 1000 बालब्रह्मचारी साधक एवं साधिकाओं ने दीक्षा ग्रहण कर आत्मोन्नति एवं समाजोन्नति के पथ पर चल रहे हैं, साथ ही लगभग 3000 बालक-बालिकायें बालब्रह्मचारी व्रत लेकर धर्म प्रभावना में लगे हैं। आचार्य श्री के आशीर्वाद से सम्पूर्ण भारतवर्ष के विभिन्न स्थानों में आदिवासी, ग्रामीण एवं बेसहारा लोगों के उत्थान के लिए अहिंसक एवं स्वदेशी वस्रों के निर्माण हेतु लगभग 15 हथकरघा केंद्रों की स्थापना की गई है, जहाँ इन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही जेलों में भी हथकरघा केंद्रों की स्थापना की गई है, जिसका उद्देश्य कैदियों को आत्मनिर्भर बनाना, उनका व्यवहार सुधारने एवं हृदय परिवर्तन करने में मदद करना है, इससे हर कैदी प्रतिदिन लगभग 800 से 1000 रुपए अर्जित कर रहा है। आचार्य श्री के इस पहल की प्रशंसा भारत सरकार ने भी की है। उनके आशीर्वाद से भारतीय प्राचीन गुरुकुल पद्धति से बच्चियों में शिक्षा के अलावा भारतीय संस्कार रोपित करने के उद्देश्य से देश में पांच प्रतिभास्थली गुरुकुल स्थापित किए जा चुके हैं। उनके आशीर्वाद एवं प्रेरणा से चिकित्सा के क्षेत्र में भारतीय प्राचीन पद्धति के आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं महाविद्यालय मध्यप्रदेश के जबलपुर में संचालित किया जा रहा है, जिससे समस्त साधु-साध्वियों को स्वास्थ्य लाभ तो मिलता ही है, साथ ही आम लोगों को भी बहुत ही कम मूल्य पर उपचार उपलब्ध कराया जाता है। जैन संस्कृति को पीढ़ियों तक जीवित रखने की भावना से उनके आशीर्वाद एवं प्रेरणा से देश के विभिन्न तीर्थ स्थानों का जीर्णोद्धार करने के साथ नए तीर्थों का निर्माण राजस्थानी पत्थरों से किया जा रहा है जिसकी आयु हजारों वर्ष होती है।
कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि आयकर आयुक्त देवेन्द्र जैन ने कहा कि हम सभी भाग्यशाली हैं कि हमने श्री विद्यासागर जी के समय में जन्म लिया और उनका सानिध्य हमें मिला। उन्होंने सभी धर्म के लोगों से शाकाहार को अपनाने की अपील की और कहा कि सभी कम से कम एक व्यक्ति को शाकाहार अपनाने के लिए प्रेरित करे।
कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में जैन-अजैन उपस्थित रहे। कार्यक्रम को मूर्त रूप देने में स.सि. विनोद जैन, सुकुमार जैन, बिलासपुर जैन सभा के अध्यक्ष वीर कुमार जैन, सचिव अमित जैन और फिलेटेलिक सोसायटी के अतुल जैन का सहयोग रहा। मंच संचालन संदीप जैन ने किया । सभी अतिथियों को डाक विभाग की तरफ से स्मृति चिन्ह के रूप में माई स्टैम्प प्रदान किया गया।