एकाग्रता की शक्ति से मनचाही सफलता-ब्रह्माकुमारी रेणु

एकाग्रता की शक्ति से मनचाही सफलता-ब्रह्माकुमारी रेणु


  • *तन को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज मन को स्वस्थ रखने के लिए मेडिटेशन-धारणी बहन
  • आहार से विचार और व्यवहार पर असर-पूनम रतनानी ( डाइटिशियन)
    दुर्ग (अमर छत्तीसगढ़) 2 मई। -जीवन में हमारे विचारों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है जैसा विचार हम करते हैं उसके अनुरूप ही हमारा जीवन होता जाता है एक साधारण किसान का बेटा एक विचार से अमेरिका का राष्ट्रपति बन सकता है व एक साधारण बालक नरेंद्र से “स्वामी विवेकानंद ” बनाकर सारे विश्व में प्रख्यात हो सकता है तो आप बच्चे भी जीवन में मनचाही उपलब्धि को प्राप्त कर सकते हैं । इसके लिए आवश्यक है अपने विचारों को शक्तिशाली बनाएं यह विचार ब्रह्माकुमारी रेनू बहन ने राजऋषि भवन केलाबाड़ी दुर्ग में कक्षा 7 व 8 के लिए चल रहे समर् कैंप में बच्चों के समक्ष रखे । अपने आगे बताया विचारों की गति जितनी कम होगी उतने ही संकल्प व विचार शक्तिशाली होंगे और संकल्पों की गति को कम करने में राजयोग मेडिटेशन अत्यंत ही प्रभावी उपाय है इसके द्वारा ही हम स्वयं के अवचेतन मन को जागृत कर चमत्कारिक परिणाम पढ़ाई में खेल में या अन्य किसी भी विधा में प्राप्त कर सकते हैं । आपने बताया जैसे एक वाक्य है “मैं बुद्धिमान हूं “- ” सफलता का स्टार हूं ” इसे हम आध्यात्मिक भाषा में स्वमान कहते हैं इस स्वमान को प्रतिदिन सात बार सुबह उठते ही और रात को सोने के पहले रिपीट करें तो आप पाएंगे इससे स्वयं के आंतरिक शक्ति में वृद्धि हो रही है , एकाग्रता बढ़ रही है ऐसे भिन्न-भिन्न अच्छे अच्छे अनुभव होने लगेंगे ।

  • विद्यार्थियों को आहार के विषय में जागृत करने आज के सत्र में डाइटिशियन पूनम रत्नानी ने बताया कि कहा जाता है “जैसा अन्न वैसा मन ” अन्न हमारे विचारों को शांत खुश व शक्तिशाली बनाने में बहुत सहायक होता है वर्तमान समय फास्ट फूड , जंक फूड , कोल्ड ड्रिंक का चलन बहुत ज्यादा है जो हमारे स्वास्थ्य को धीरे-धीरे कमजोर करता जाता है अनेक लोगों में भ्रांतियां है नॉनवेज खाने से बहुत प्रोटीन मिलता है व स्वस्थ रहते हैं किंतु उससे अधिक प्रोटीन शाकाहारी भोजन से प्राप्त होता है यदि हम अपनी भूख मिटाने के लिए किसी को दर्द या तकलीफ देकर हम उसे अपना आहार बनाते हैं या उसे हम अपने आहार में शामिल करते हैं तो उस भोजन से हम कभी भी खुश व शांत नहीं रह सकते उसके दर्द के प्रकम्पन्न उस भोजन में पहुंचकर चिंता व भय उत्पन्न करेगा ।
  • प्रकृति ने हमें प्रचुर मात्रा में शाकाहारी चीज खाने को दिया है तो हम अपने स्वाद के लिए क्यों किसी ऐसी चीज को ग्रहण करें जो किसी को दर्द तकलीफ दे ।आपने सभी बच्चों को शाकाहारी बनने की प्रेरणा दी तथा रात्रि जल्दी सोने व सुबह जल्दी उठने के फायदे भी बताये कार्यक्रम में संगीतिक व्यायाम कराते हुए धारनी बहन ने बताया शारीरिक व्यायाम से तन स्वस्थ होता है तो राजयोग मेडिटेशन से मन स्वस्थ होता है इसके लिए दोनों को प्रतिदिन करना आवश्यक है इस कार्यक्रम में आज चित्रकला का आयोजन किया गया जिसमें 110 से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया जिसका परिणाम समर कैंप के तीसरे दिन घोषित किया जाएगा ।
Chhattisgarh