आज के जीवन में जरूरी है माइंड मैनेजमेंट की – सुधाकर मुनि

आज के जीवन में जरूरी है माइंड मैनेजमेंट की – सुधाकर मुनि

शांतिपूर्ण जीवन के लिए यह जरूरी है कि हमारा माइंड पीसफुल पॉजिटिव और पावरफुल हो

राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 8 मई।युग प्रधान गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी ने आज यहां कहा कि आज के जीवन में माइंड मैनेजमेंट की बहुत ज्यादा जरूरत है। माइंड यदि शांत है तो जीवन में सब कुछ अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि जीवों का आधार जिस तरफ प्रकृति और धरती है , वैसे ही जितने भी तीर्थंकर हुए हैं और होंगे उनका आधार शांति है। धर्म का पहला सूत्र है शांति जीवन।
तेरापंथ भवन में आज अपने प्रवचन के दूसरे दिन उन्होंने कहा कि शांति और अशांति के बीज हमारे भीतर ही हैं। अब सवाल यह उठना है कि हम किसे पसंद करते हैं शांति को या अशांति को। जीवन में आज किसी मैनेजमेंट की जरूरत है तो वह है मूड मैनेजमेंट की। मूड और माइंड मैनेजमेंट दोनों एक दूसरे के साथ है। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क सबसे शक्तिशाली है क्योंकि हम कोई भी क्रिया करते हैं तो वह कमांड मस्तिष्क को देता है। उन्होंने कहा कि आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर सकते तो यह मान लीजिए कि आपके पास आपका नियंत्रण नहीं है। आपके इमोशन पर आपका नियंत्रण होना चाहिए।
मुनि श्री ने कहा कि धर्म हमें सामायिक सिखाता है। सामायिक स्वयं को देखना, जानना और स्वयं को विपरीत परिस्थितियों में भी कैसे पेश करें, यह सिखाता है। धर्म सिखाता है आपका पीसफुल माइंड कैसे हो। दो मिनट का गुस्सा भी आपकी जिंदगी तबाह कर सकता है। यह गुस्सा हंसते खेलते परिवार को वीराने में बदल देता है। जीवन एक संग्राम है। परिस्थितियां तो बदलती रहती है। माइंड को पीसफुल बनाना है तो क्रोध को हमें दूर रखना होगा। विवाद जिंदगी को नर्क बनाता है और संवाद जिंदगी को स्वर्ग बनाता है। परिस्थितियां कैसी भी हो ,अपने मन को संदेश दें कि जीव शांत रहे।
मुनि श्री सुधाकर जी ने कहा कि पीसफुल माइंड, पॉजिटिव माइंड होने पर ही हो सकता है। आप अपने मस्तिष्क को सकारात्मक सोच दें। हम दूसरों को पॉजिटिव देखते हैं तो हमारा जीवन भी पॉजिटिव हो जाता है। पॉजिटिव सोच जीवन में शांति लाता है। उन्होंने कहा कि समय बदलेगा, लोग बदलेंगे परंतु हमें अपने शांतिपूर्ण विचार को नहीं बदलना चाहिए। सकारात्मक रहने के लिए पीछे का जिक्र एवं आगे की फिक्र नहीं करनी चाहिए। पीसफुल और पॉजिटिव माइंड होने पर हमारा माइंड स्वयं ही पावरफुल हो जाएगा। शांतिपूर्ण जीवन के लिए यह जरूरी है कि हमारा माइंड पीसफुल, पॉजिटिव और पावरफुल हो। इससे पहले मुनि श्री नरेश जी ने कहा कि धर्म अजर-अमर एव अविनाशी है। जीवन तभी आनंद देता है जब मन में करुणा और दया का भाव हो।

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